National : राहुल गांधी को चाईबासा कोर्ट में पेश होने का आदेश, कांग्रेस में हलचल तेज

3 Min Read
  • गैर-जमानती वारंट के बाद कोर्ट सख्त

चाईबासा : कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को झारखंड के चाईबासा स्थित एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में 6 अगस्त को पेश होने का आदेश जारी किया गया है। यह आदेश उनके वकील की सहमति के बाद तय तिथि पर कोर्ट द्वारा जारी किया गया।

यह मामला 2018 में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर दिए गए राहुल गांधी के बयान से जुड़ा है, जिसे लेकर बीजेपी नेता प्रताप कटिहार ने मानहानि का केस दर्ज कराया था।

क्या था विवादित बयान?

28 मार्च 2018 को कांग्रेस अधिवेशन के दौरान राहुल गांधी ने एक भाषण में अमित शाह के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस बयान को लेकर 9 जुलाई 2018 को प्रताप कटिहार ने चाईबासा सीजेएम कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया।

अब तक कोर्ट में नहीं हुए पेश, जारी हुआ था NBW

पिछले दो वर्षों में राहुल गांधी को कई बार समन भेजे गए, लेकिन उन्होंने एक बार भी कोर्ट में हाज़िरी नहीं दी। इससे नाराज़ कोर्ट ने 26 जून 2025 को गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी कर दिया था, ताकि उनकी उपस्थिति सुनिश्चित हो सके।

मामला हाईकोर्ट तक पहुँचा, फिर हुआ स्थानांतरण

राहुल गांधी ने इस NBW के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की। मुकदमा पहले चाईबासा सीजेएम कोर्ट से रांची स्थित एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ट्रांसफर हुआ था, लेकिन चाईबासा में विशेष अदालत स्थापित होने के बाद इसे फिर से वहीं स्थानांतरित कर दिया गया।

कांग्रेस में हलचल, झारखंड प्रदेश अध्यक्ष मौके पर मौजूद

राहुल गांधी की संभावित पेशी को लेकर कांग्रेस में घबराहट और मंथन जारी है। झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर पहले से ही चाईबासा में मौजूद हैं और स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ पूरी रणनीति और सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं।

क्या हो सकती है अगली कार्रवाई?

अगर राहुल गांधी 6 अगस्त को कोर्ट में पेश नहीं होते, तो कोर्ट कड़ा रुख अपना सकता है। हालांकि, उनके वकीलों द्वारा तय तारीख पर सहमति जताने के बाद माना जा रहा है कि वह पेश हो सकते हैं या फिर कोर्ट में कोई आवेदन दिया जा सकता है।

राजनीतिक दृष्टि से क्यों है मामला अहम?

यह मामला ऐसे वक्त में उभरा है जब राहुल गांधी विपक्ष की एकता की धुरी बने हुए हैं। झारखंड में JMM और कांग्रेस गठबंधन सत्ता में हैं और राहुल की पेशी पर विपक्षी दलों की राजनीतिक प्रतिक्रिया भी देखने को मिल सकती है।

2018 का एक बयान आज 2025 में राजनीतिक और कानूनी दोनों मोर्चों पर बड़ा सिरदर्द बन चुका है। देखना यह होगा कि 6 अगस्त को राहुल गांधी कोर्ट में पेश होते हैं या फिर मामला एक बार फिर टलता है।

 

 

Share This Article