जमशेदपुर
जमशेदपुर प्रखंड अंतर्गत उत्तरी, पश्चिम एवं पूर्वी घोड़ाबंधा पंचायतों में वार्ड विखंडिकरण, सीमांकन कार्य में मनमानी और नियमों की अनदेखी करने का मामला प्रकाश में आया है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर इस आशय का आरोप लगाते हुए महानगर बीजेपी के पूर्व प्रवक्ता अंकित आनंद ने राज्य चुनाव आयोग के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, पंचायती राज विभाग समेत डीसी, बीडीओ और जिला पंचायती राज पदाधिकारी (डीपीआरओ) को लिखित शिकायत किया है। वहीं ट्विटर के जरिये भी मामले को उठाते हुए सक्षम अधिकारियों से शिकायत की गई है। चुनाव आयोग और जिला निर्वाचन पदाधिकारी को लिखे पत्र में भाजपा नेता अंकित आनंद ने तीन पंचायतों में वार्ड विखंडिकरण व सीमांकन कार्य में मनमानी और लापरवाही करने का आरोप लगाया है। आरोप है कि विभागीय अधिकारियों और कर्मियों की मिलीभगत से कुछ वर्तमान पंचायत प्रतिनिधियों को चुनावी लाभ पहुंचाने की मंशा से वार्ड विखंडीकरण में नियमों का उल्लंघन हुआ है। आरोप है कि वार्डों का नक्शा तक नहीं है, जिसके कारण हर पंचायत चुनाव में मतदाताओं का वार्ड बदल दिया जाता है ताकि लोगों को गुमराह कर चुनावी फ़ायदा लिया जा सके। कई मतदाता के नाम उसी पंचायत के अलग अलग वार्डों में दर्ज़ है जिससे मतदान में धांधली की आशंका प्रबल है।
धुआं कॉलोनी में बना है उत्तरी घोड़ाबंधा का पंचायत भवन, वहां के लोगों को नहीं मिलता लाभ
सबसे चिंताजनक यह है कि उत्तरी घोड़ाबंधा पंचायत (बारीनगर) का पंचायत भवन धुआं कॉलोनी में अवस्थित है। लेकिन धुआं कॉलोनी, धुमा बस्ती की बड़ी जनजातीय आबादी को इसका लाभ नहीं मिलता। यहां के मतदाताओं को पूर्वी घोड़ाबंधा पंचायत में रखा गया है जिससे जनता को अपने मौलिक अधिकार और सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए कई किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है।
उत्तरी घोड़ाबंधा में 2 पंचायत समिति सदस्य, लेकिन पूर्वी और पश्चिम घोड़ाबंधा में केवल 1 पंसस की व्यवस्था पर उठ रहे सवाल
पंचायती राज अधिनियम के अनुसार बड़ी आबादी वाले पंचायतों में दो पंचायत समिति सदस्य रखने की व्यवस्था है, ताकि ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का उचित लाभ मिले। बावजूद इसके घोड़ाबंधा के तीन पंचायतों की बात करें तो बड़े स्तर पर मनमानी और लापरवाही होती रही है। राज्य निर्वाचन आयोग और डीसी से की गई शिकायत में बीजेपी नेता अंकित आनंद ने पूर्वी, पश्चिम और उत्तरी घोड़ाबंधा पंचायतों के जनसांख्यिकी आंकड़े जारी करते हुए बड़े स्तर पर लापरवाही और मिलीभगत का आरोप लगाया है। शिकायतवाद में कहा गया है कि उत्तरी घोड़ाबंधा पंचायत जिसमें बारीनगर शामिल है वहां 5427 मतदाताओं पर 15 वार्ड निर्धारित हैं और 2 की संख्या में पंचायत समिति सदस्य निर्वाचित हैं। किंतु 7439 मतदाताओं की बड़ी आबादी पर पूर्वी घोड़ाबंधा पंचायत में महज़ 14 वार्ड और 5216 मतदाताओं वाले पश्चिम घोड़ाबंधा पंचायत में मात्र 13 वार्ड ही निर्धारित हैं। इन दोनों ही पंचायतों में मात्र एक-एक पंचायत समिति सदस्य निर्वाचित हैं। यह विधि की अवज्ञा और पद का दुरुपयोग का द्योतक है। वार्ड सीमांकन के लिए उपयुक्त नक्शा और नियमों का अनुपालन नहीं किये जाने से प्रत्येक पंचायत चुनाव में अधिकांश मतदाताओं के वार्ड संख्या बदल जाते हैं, इससे जनता को अत्यंत कठिनाई झेलनी पड़ती है। इस मामले पर सवाल उठाते हुए बीजेपी महानगर के पूर्व प्रवक्ता अंकित आनंद ने मामले को राज्य चुनाव आयोग के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, पंचायती राज विभाग के भी संज्ञान में दिया है ताकि चुनाव पूर्व समस्या का निराकरण मुमकिन हो।