जमशेदपुरः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी “आर्ट एंड पेंटिंग प्रतियोगिता” एवं “परीक्षा पर चर्चा” के निमित्त जमशेदपुर के साकची स्थित राजेंद्र विद्यालय परिसर में आज “आर्ट एंड पेंटिंग प्रतियोगिता” का आयोजन हुआ। इसमें शहर के लगभग 25 विद्यालयों एवं इंटरमीडिएट कॉलेजों के नौवीं से बारहवीं के लगभग 457 विद्यार्थियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सांसद बिद्युत वरण महतो, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर सौरभ तिवारी, कार्यक्रम के प्रदेश संयोजक मनोज कुमार सिंह एवं डॉ राजीव कुमार, आरएसएस के महानगर कार्यवाह रविंद्र सिंह, भाजपा जिला अध्यक्ष गुंजन कुमार यादव, कार्यक्रम के जिला संयोजक बिमल जालान, अमिताभ सेनापति एवं शिव प्रकाश शर्मा, बिहार एसोसिएशन व राजेंद्र विद्यालय के जनरल सेक्रेटरी सीपीएन सिंह, सेक्रेटरी डॉ एपी सिंह ने एक साथ द्वीप प्रज्वलित कर प्रतियोगिता की शुरुआत की।
मौके पर सांसद ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सोच के कारण यह संभव हो पा रहा है। कहा कि परीक्षा के समय विद्यार्थी तनाव में रहते हैं, जिसका प्रभाव उनके परिणाम के साथ-साथ उनके परिवार और उनके जीवन व स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम से एक नया संदेश परीक्षार्थियों में जाता है कि परीक्षा को उत्साह, उमंग और त्योहार की तरह लें। कहा कि एक परीक्षा में कम अंक लाने से कुछ नहीं होता।
इस दौरान आयोजित आर्ट एंड पेंटिंग प्रतियोगिता में प्रथम पृथ्वीराज सिंह (राजेंद्र विद्यालय), द्वितीय कौशिक भोई (डीएवी बिष्टुपुर) एवं तृतीय स्थान सुहानी कुशवाहा (सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, बागबेड़ा) ने प्राप्त किया। प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को शील्ड एवं सर्टिफिकेट दिया गया। टॉप 10 एक्सीलेंट आर्ट वॉरियर्स को सर्टिफिकेट एवं मेडल दिया गया। वहीं 25 सुपीरियर आर्ट वॉरियर्स को सर्टिफिकेट एवं मेडल प्रदान किया गया। इसके साथ ही लगभग सभी 457 प्रतिभागियों को आर्ट सर्टिफिकेट दिया गया। कला संस्कृति मंच के आर्ट शिक्षकों ने निर्णायक की भूमिका निभाते हुए विजेताओं का चयन किया। सांसद श्री महतो ने निर्णायक मंडली को भी स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया।
कार्यक्रम का स्वागत भाषण अमिताभ सेनापति ने दिया, संचालन शिव प्रकाश शर्मा एवं धन्यवाद ज्ञापन विमल जालान ने किया। आयोजन में अनिल मोदी, सांसद प्रतिनिधि संजीव कुमार, भाजयुमो अध्यक्ष अमित अग्रवाल, राजेंद्र विद्यालय के प्राचार्य एवं शिक्षक -शिक्षिकाओं की अहम भूमिका रही।