जमशेदपुरः रामकृष्णा फोर्जिंग का सेनापति फरार है, पुलिस उसकी तलाश कर रही है, लेकिन उसने फरारी में ही सरायकेला कोर्ट में एंटीसिपेटरी बेल के लिए याचिका दाखिल कर रखी है। इसपर कल यानी 4 मई को सुनवाई होनी है। उसे खुला छोड़ना चाहिए या सलाखों के पीछे डालना चाहिए, इसपर कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी, लेकिन इन घटनाओं के बाद शक्तिपदो सेनापति का एक-एक कारनामा सामने आ रहा है। इसके ऑडियो भी वायरल हो रहे हैं।
घटना के बाद पूछे जाने पर कभी वह कहता है कि उसे घटना के बारे में कुछ नहीं मालूम, वह तो मौके पर ही नहीं था। यह बताने पर कि सीसीटीवी फुटेज में वे नजर आ रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि कोई और होगा, उन्हें इसके बारे में कुछ पता नहीं है। हालांकि, बाद में हकीकत का पता चलने पर वह खुद को बचाने में लग गया और फरारी में ही खुद को बचाने का प्रयास कर रहा है और पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए इधर-उधर हाथ-पांव मार रही है।
शक्तिपदो सेनापति का एक और ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह साफ कह रहा है कि वह भी प्रेस वाला है। उसके पास एक प्रेस क्लब का कार्ड है, यानी वह प्रेस क्लब का सदस्य है। वह यह भी साफ कहता है कि वह फ्रीलांसर पत्रकार है। हालांकि जिस प्रेस क्लब के बारे में वह कह रहा है, उसके अध्यक्ष का क्लब के व्हाट्सएप ग्रुप में कहना है कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है। अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रेस क्लब सेनापति के इस झूठ के बारे में क्या एक्शन लेता है।
अब यहां सवाल यह उठता है कि अगर शक्तिपदो खुद को पत्रकार कह रहा है तो इस बात में कितनी सच्चाई है, यह तो जांच का विषय है, लेकिन अगर यह सच है तो यह गंभीर मामला है, क्योंकि खबर तो यह है कि एक फ्रीलांसर पत्रकार ने अपनी ही बिरादरी यानी प्रेस के ही दो लोगों के साथ बदसलूकी की। अपने कॉरपोरेट सहयोगियों के साथ मिलकर प्रेस वालों के साथ ही मारपीट की। यही नहीं उनके कैमरे तोड़ डाले। हद तो तब हो गई जब इस कथित पत्रकार ने एक एएसआई का कॉलर पकड़ लिया।