Mohit Kumar
दुमका : झारखंड में सरकार के दावे क्या हैं और उसकी जमीनी हकीकत क्या है, इसे देखना हो तो आपको दुमका आना होगा। यहां आपको इन दावों की असलियत नजर आएगी। यहां एक दिव्यांग भीख मांगकर अपना गुजर बसर करने को मजबूर है।
झारखंड में कोई भी सरकारी रही हो, लेकिन स्थिति सुधरने की नाम नहीं ले रही है। आज हमारी मुलाकात एक आदिवासी उमेश मुर्मू से हुई। उमेश दिव्यांग है और भीख मांगकर अपना गुजर-बसर करता है।
खास बात यह है कि वह हर तरह की सरकारी सुविधाओं से वंचित है। उसे न दिव्यांग भत्ता मिलता है और न ही उसके पास राशन कार्ड है। इस कारण उसे सरकारी राशन भी नहीं मिल रहा है। ऐसे में उसे अपना पेट भरने के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है।
जब हमने उससे बात की तो उसने बताया कि उसे कोई सरकारी सुविधा नहीं मिलती। किसी भी जन प्रतिनिधि ने उसकी सुध नहीं ली। वह रोज भीख मांगकर अपना गुजर-बसर करता है। उमेश ने बताया कि जिस दिन उसे खाने को नहीं मिलता, उस दिन वह पानी पीकर ही रह जाता है।