Mohit Kumar
दुमका : किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने को लेकर लगातार प्रयास चल रहे हैं, लेकिन हकीकत यह है कि झारखंड सरकार के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के विधानसभा क्षेत्र के किसानों को ही सरकारी सुविधा नहीं मिल पा रही है। यानी कृषि मंत्री के क्षेत्र के ही किसान सरकारी सुविधाओं से वंचित हैं। ऐसे में अन्य क्षेत्रों की स्थिति का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।
यहां अहम बात यह है कि भूमि संरक्षण विभाग के बड़ा बाबू दिलीप मिस्त्री पर ही पैसे लेकर योजना देने का आरोप लगा है। लोग खुलकर इन बातों को कह रहे हैं, लेकिन कुछ हो नहीं पा रहा है। यहां गौरतलब है कि बेहतर कृषि उत्पादन के लिए राज्य के किसानों को योजना का लाभ देने के लिए विभाग द्वारा कई सरकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसके तहत पंपिंग सेट, डीप बोरिंग, तालाब निर्माण जैसी योजनाओं का लाभ देने के लिए सरकार तत्पर है, लेकिन सरकारी बाबू किसानों को उन योजनाओं के लिए दफ्तर का चक्कर लगाने के लिए मजबूर कर दिया है। आरोप यह भी है कि योजना के लिए रकम यानी रिश्वत की मांग की जा रही है।
जिले के जरमुंडी प्रखंड क्षेत्र के जरवाडीह गांव के किसान बाबूधन मरांडी ने कहा कि वे पंप सेट के लिए दुमका गए थे। आरोप है कि भूमि संरक्षण विभाग के बड़ा बाबू दिलीप मिस्त्री ने पंप सेट देने के बदले पैसों की मांग कर दी। कहा कि पैसा देने पर ही योजना का लाभ मिल पाएगा। यहां सवाल यह है कि एक गरीब आदिवासी किसान कहां से रिश्वत की रकम लाएगा।
वहीं जरमुंडी जरवाडीह निवासी महिला किसान सनी मुर्मू ने भी कहा कि बारिश नहीं होने की वजह से दो साल से खेती नहीं हो पाई है। पंप सेट रहता तो कुछ उपाय हो पाता। उन्होंने कहा कि पंप सेट के लिए वे दुमका गईं थीं, लेकिन विभाग के बड़ा बाबू ने पैसों की मांग कर दी। कहा कि पैसा मिलने पर ही पंप सेट दिया जाएगा। सनी मुर्मू ने कहा कि पैसा है नहीं कहा से देंगे। उन्होंने कहा कि खेती नहीं करने के कारण बहुत मुश्किल से जीवन यापन हो रहा है।
इस पूरे मामले में जब बड़ा बाबू दिलीप मिस्त्री से जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो, उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और चुप्पी साध ली। इसके बाद जब भूमि संरक्षण पदाधिकारी से इस मामले की जानकारी लेने का प्रयास किया गया, तो वे कार्यालय से नदारद मिले। अब ये गरीब किसान कहां जाएं और क्या करें। किसानों के पास पैसा है नहीं और विभाग में पैसे के बिना काम नहीं होगा। ऐसे में इस पूरे मामले पर विभागीय मंत्री को ध्यान देने की जरूरत है।