जमशेदपुरः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ईडी की चपेट में आने और जेल जाने के बाद आज गठबंधन के नए मुख्यमंत्री के तौर पर चंपई सोरेन ने आज मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। उनके साथ ही आलमगीर आलम और बसंत सोरेन ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है। राजद कोटे से सत्यानंद भोक्ता भी मंत्री पद की शपथ लेंगे। अब उन्हें अगले 10 दिनों में अपना बहुमत साबित करना होगा। इधर फ्लोर टेस्ट से पहले सभी विधायकों को हैदराबाद रवाना कर दिया गया है। चंपई सोरेन के सीएम पद की शपथ लेने के बाद से उनके राजनगर स्थित आवास में जश्न का माहौल है।
1991 से लगातार विधायक हैं चंपई सोरेन, वर्ष 2000 में अनंतराम से हारे
चंपई सोरेन झारखंड में सरायकेला विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। वे वर्ष 1991 से अब तक लगातार विधानसभा चुनाव जीतते आ रहे हैं। वर्ष 1991 में उन्होंने सांसद कृष्णा मार्डी की पत्नी को निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर हराया था। इसके बाद वर्ष 1995 में झामुमो के टिकट पर उन्होंने जीत हासिल की। हालांकि, वर्ष 2000 में वे भाजपा (BJP) के अनंतराम टुडू से चुनाव हार गए थे। वर्ष 2019 में उन्होंने भाजपा के गणेश महाली को हराया था।
शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन के करीबी हैं चंपई
वे झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के उपाध्यक्ष भी हैं। चंपई सोरेन दिशोम गुरू शिबू सोरेन के काफी करबी हैं और ऐसे में हेमंत सोरेन भी उन्हें काफी मानते हैं। चंपई सोरेन हेमंत सोरेन सरकार में परिवहन, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री रह चुके हैं।
10वीं तक की है पढ़ाई
चंपई सोरेन का जन्म सरायकेला-खरसावां जिला के राजनगर स्थित जिलिंगोड़ा में वर्ष 1956 में हुआ था। उन्होंने 10वीं तक की पढ़ाई की है। शिबू सोरेन के साथ झारखंड आंदोलन में कूदने के कारण उन्होंने आगे की पढ़ाई पूरी नहीं की। पेशे से किसान चंपई सोरेन के सात बच्चे हैं।