Mohit Kumar
दुमका : 75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन में दुमका के पुलिस लाइन मैदान में तिरंगा फहराया। पुलिस लाइन में आयोजित राजकीय समारोह में झंडोत्तोलन के साथ ही उन्होंने परेड का निरीक्षण किया और लोगों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं भी दीं।
पुलिस लाइन मैदान में लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के लिए गणतंत्र दिवस केवल एक पर्व नहीं बल्कि गौरव और सम्मान है। आज का यह दिन हमारे संप्रभुता एवं जनतंत्र के प्रति एक गहरी आस्था का राष्ट्रीय पर्व है।
उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को, पं जवाहरलाल नेहरू, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, मौलाना अबुल कलाम आजाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, शहीद ए आजम भगत सिंह और बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर सहित स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल सेनानियों को नमन करते हुए कहा कि उन महान विभूतियों की बदौलत ही हम एक सशक्त लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में विश्व के मानचित्र पर अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुए। मुख्यमंत्री ने झारखंड के सभी महान विभूतियों भगवान बिरसा मुंडा, तिलका मांझी, वीर शहीद सिद्धो-कान्हू, चांद-भैरव, फूलो-झानो, बीर बुधु भगत, जतरा टाना भगत, नीलांबर-पीतांबर, शेख भिखारी, पांडेय गणपत राय, शहीद विश्वनाथ शाहदेव को भी नमन किया।
सीएम श्री सोरेन ने कहा कि आज ही के दिन 26 जनवरी, 1950 को हमने अपने संविधान को पूर्णतः लागू किया था। दासता के दुःख भरे इतिहास को भुलाकर एक स्वर्णिम भविष्य की आकांक्षाओं के साथ हमने अपने संविधान को अपनाया और एक ऐसे राष्ट्र के निर्माण का संकल्प लिया जहां न तो आर्थिक विषमता हो और न समाजिक भेदभाव। स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व हमारे संविधान की मूल भावना है और इन्हीं आदर्शों से उस ठोस आधारशिला का निर्माण हुआ है, जिन पर हमारा गणतंत्र मजबूती से खड़ा है। इन्ही मूल्यों में हमारी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत भी प्रतिबिंबित होती है। हमारा संविधान देश के अलग-अलग हिस्सों में बोली जाने वाली भाषा, संस्कृति, जीवन शैली और अलग-अलग धर्मों को एक सूत्र में पिरोकर “अनेकता में एकता ” की पहचान को स्थापित कर समस्त विश्व के समक्ष एक अनुपम एवं अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करता है।
संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी बदौलत गरीबों, पिछड़ों, दलितों को सम्मान के साथ जीवन जीने का अधिकार मिला। कहा कि हमारे संविधान ने सभी वर्गों के सामाजिक, धार्मिक, भाषाई एवं सांस्कृतिक हितों की रक्षा के साथ-साथ कमजोर वर्गों को अत्याचार और अन्याय से सुरक्षा प्रदान किया है।
श्री सोरेन ने कहा कि झारखंड के प्रत्येक वर्ग और समुदाय के अपार स्नेह और आशीर्वाद से लगभग चार वर्ष पूर्व उन्होंने राज्य की बागडोर संभाली। जनभावना और जन-भागीदारी के साथ हमारी सरकार एक ऐसी व्यवस्था को आकार देने के लिए प्रयासरत है, जहां गरीब, वंचित, मजदूर, किसान, आदिवासी, पिछड़े, दलित सबको उनका अधिकार मिल सके।
कहा कि मजबूत इरादे और बुलंद हौसले के साथ हमारी सरकार ने लाखों राज्यकर्मियों के लिए पुरानी पेंशन योजना शुरू की है। 35 लाख जरूरतमंद को पेंशन, 20 लाख अतिरिक्त लोगों को राशन और 57 लाख से अधिक लोगों को सरकार वर्ष में दो बार वस्त्र प्रदान कर रही है। इतना ही नहीं झारखंड आंदोलनकारियों की पहचान कर उनके आश्रितों और परिजनों को पेंशन और सम्मान देने की मुहिम चलाई जा रही है। गरीब और वंचित वर्ग के युवा आज विदेशों में शिक्षा ले रहे हैं। योजनाओं की गठरी बनाकर गांव-गांव और पंचायत-पंचायत लाखों जरूरतमंदों के द्वार तक सरकार पहुंची है।
इस मौके पर दुमका के डीसी और एसपी सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।