जमशेदपुर
आर्थिक तंगी किसी परिवार को कितना विवश कर देती है, इसका एक नमूना विगत दिनों देखने को मिला। अस्पताल में इलाज के लिए जाने वाले गरीब मरीजों का बिल माफ कराने की कई घटनाएं सामने आयी है, लेकिन एक परिवार ऐसा भी है जो अपनी बात सही जगह नहीं पहुंचा सका, जिस कारण डिस्चार्ज होने के बावजूद बिल का भुगतान न होने पर मरीज को अस्पताल में ही रहना पड़ा।
घटना के मुताबिक गोलमुरी नामदा बस्ती निवासी भोपिन्दर सिंह विगत 15 जनवरी को सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे। उनके सिर में चोट आयी थी। आनन-फानन में लोगों द्वारा उन्हें टीएमएच में भर्ती कराया गया। अस्पताल में इलाज के बाद स्वस्थ होने पर उन्हें 25 जनवरी को जिस्चार्ज कर दिया गया।
डिस्चार्ज होने के बाद भोपिन्दर के परिजनों को करीब 52 हजार 262 रुपए के बिल का भुगतान करना था। माली हालत खराब होने के कारण परिवार बिल का भुगतान नहीं कर पा रहा था। पैसों का जुगाड़ न होने पर परिजनों ने उन्हें अस्पताल में ही छोड़ दिया।
यहां बता दें कि अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद मरीजों को मिलने वाला खाना बंद कर दिया जाता है। भोपिंदर के साथ भी ऐसा ही हुआ। इसके बाद उन्हें खाने-पीने को लेकर परेशानी होने लगी। हालांकि कुछ नर्सों ने उनके नाश्ते की व्यवस्था की। वहीं अगर कोई मरीज खाना नहीं खाता था तो उसका खाना भोपिन्दर को दे दिया जाता था। इसी तरह करीब 20 दिनों तक चला।
मामले की जानकारी किसी ने सिख नौजवान सभा के उपाध्यक्ष जगजीत सिंह जग्गी को दी। उन्होंने तत्काल मामले की जानकारी सेंट्रल नौजवान सभा के प्रधान सतवीर सिंह गोल्टू को दी। मामले से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष कुणाल षाड़ंगी को अवगत कराया गया और अस्पताल जाकर मामले की जानकारी ली गई तो सच्चाई का पता चला।
इसके बाद अस्पताल से बिल माफ करवाने का आग्रह किया। राशि अधिक होने के काऱण कुछ पैसे जमा करने थे। इसके बाद नौजवान सभा के सदस्यों ने अपने स्तर से राशि इकट्ठा कर 14 हजार रुपए जमा कराया और बाकि 40 हजार रुपए का बिल माफ करवाया। इसके बाद भोपिन्दर को अस्पताल से उसके नामदा बस्ती स्थित घर पहुंचाया गया।