Mohit Kumar
दुमका : दुमका में लगा सर्कस गांधी मैदान को लेकर अपने शुरुआती दौर में ही विवादों में आ गया है। कांग्रेस ने कुछ दिनों पूर्व गांधी मैदान को बनाने में खर्च किये गये करोड़ों रुपए की सरकारी राशि के दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। आरोप है कि अधिकारी अपने अधिकार का बेजा इस्तेमाल कर अच्छे खासे मैदान को सर्कस के हवाले कर मैदान को कीचड़ और गड्ढे में तब्दील कर दिया है। वहीं अधिकारी राजस्व के लिए ऐसा करने की बात कर रहे हैं।
झारखंड की उपराजधानी दुमका के गांधी मैदान में लगा सर्कस विवादों में घिरने लगा है। कांग्रेस का आरोप है कि अधिकारी अपने निजी फायदे को लेकर एक मात्र गांधी मैदान को बर्बाद करने पर तुले हैं। चूंकि हाल में ही इस गांधी मैदान के कायाकल्प के लिये करीब डेढ़ करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं, लेकिन अधिकारियों ने मनमाना रवैया अपनाते हुए उक्त मैदान को सर्कस के हवाले कर दिया है। इस कारण पूरा मैदान गड्ढा और कीचड़ मय हो गया है, जिसे सरकारी राशि का दूरपयोग बताया जा रहा है। कांग्रेस नेताओं ने इसकी शिकायत सूबे के मुखिया हेमंत सोरेन को लिखित रूप से करने की बात कही है। कांग्रेसियों का कहना है कि अगर मैदान को इसी स्थिति में रखनी थी, तो फिर जनता के टैक्स के करोडों रुपए को क्यों बर्बाद किया गया।
इधर इस मामले मे जेमिनी सर्कस के मैनेजर एके सिंह राजपूत का कहना है कि मुझे एक महीने से पूर्व स्वीकृति मिली है। सर्कस आज से शुरू होगा और करीब एक महीने तक चलेगा।
इस मामले में जब नगर परिषद अधिकारी सह कार्यपालक अभियंता गंगाराम ठाकुर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि राजस्व के लिए जैमिनी वालों को गांधी मैदान का स्थान दिया गया है, जो प्रत्येक दिन तीन हजार रुपया भाड़े के रूप मे भुगतान करेगी। जब उनसे पूछा गया कि जब जमीन बर्बाद करना था तो सरकारी राशि इस पर खर्च क्यों किया गया, इस पर कहा कि नगर परिषद में जो वाहन और अन्य खर्च होते हैं वो इन्ही राजस्व के पैसे से होता है। ऐसे भी सर्कस वालों ने जिस प्रकार की जमीन ली है उसी प्रकार बना कर देंगे। उनकी सिक्योरिटी के लिये 20 हजार की राशि प्रशासन के पास जमा है।