Mohit Kumar
दुमका : ईसीएल कोल कंपनी ने शिकारीपाड़ा में कैम्प लगाकर ग्रामीणों को उपलब्ध करवाया स्वास्थ्य सुविधाएं झारखंड के नए सीएम चंपई सोरेन ने पिछले दिनों एमओयू कर चुकी कंपनियों को सख्ती के साथ निर्देश दिया था कि या तो काम शुरू करें या फिर उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। सीएम की इस सख्ती ने कंपनियों के होश उड़ा दिए हैं। इसके बाद शिकारीपाड़ा में कोल कंपनियों के काफी दिनों की सुस्ती के बाद आज अचानक ईसीएल कंपनी के द्वारा स्वास्थ्य कैंप लगाया गया और ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई। यही नहीं योग्य लाभुकों के बीच कंबल का वितरण भी किया गया। मौके पर मौजूद ईसीएल के सीएमडी समीरन दत्ता ने कहा कि यह हमारी शुरुआत है, आगे भी क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा एवं अन्यान्य आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि जहां कहीं भी ईसीएल के द्वारा खनन का कार्य किया जा रहा है, वहां के रैयतों को सरकार के द्वारा घोषित सभी सुविधाएं कंपनी के द्वारा दी जा रही है। सीएमडी ने उपरोक्त सुविधाओं के अलावे प्रति 2 एकड़ पर एक नौकरी एवं ग्रामीणों के विस्थापित घर के बदले घर देने की बात कही।
बताते चलें कि शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र में काफी लंबे अरसे से कोल कंपनियां खनन कार्य शुरू करने की कोशिश कर रही हैं, जिसमें अभी तक किसी कंपनी को सफलता नहीं मिल पाई है। कोल प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीण एवं रैयत एक ओर से लगातार यह घोषणा कर रहे हैं कि कोल कंपनियों को किसी भी सूरत में 1 इंच जमीन भी नहीं देंगे। अब देखना यह है कि कोल प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीण एवं रैयत कोल कंपनियों के द्वारा आयोजित इस प्रकार के राहत कैंपों से सेवा प्राप्त कर अपनी मनोस्थिति को बदलते हैं या फिर पुराना रवैया ही अख्तियार रखते हैं।
आरके एचआईवी के डाइरेक्टर दिलीप तुरी काफी दिनों से क्षेत्र के आदिवासियों की सेवा कर रहे हैं। इस कारण यह आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। हालांकि कंबल वितरण के दौरान अव्यवस्था से आदिवासी थोड़े नाराज नजर आए।