जमशेदपुर : मानगो दाई गुटू शिव हनुमान मंदिर के परिसर में चल रही सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिवस में हरिद्वार से आए कथावाचक पंडित बसंत नारायण शास्त्री जी ने सैकड़ों भक्तों को भगवान की दिव्य कथा का रसपान कराते हुए शास्त्री जी ने
सुदामा चरित्र का अद्भुत वर्णन किया उन्होंने कहा की मित्र का प्रेम निस्वार्थ होता है, स्वार्थी व्यक्ति कभी भी किसी का मित्र नहीं हो सकता है। सच्चा मित्र वही है जो अपने मित्र को धर्म-कर्म में जोड़ें और पाप एवं गलत मार्ग से बचाए, और शास्त्री जी ने यह भी कहा कि मनुष्य को सदा सर्वदा सत्संग एवं भगवान की कथा श्रवण करना चाहिए जिससे हमारा तन,मन और धन पवित्र रहता है। कार्यकर्म को सफल बनाने में समाजसेवी नीरज सिंह जी, अधिवक्ता चिरंजीवी प्रकाश ( पप्पूजी),नील कमल शेखर जी, , दरोगा जी, रामाश्रय सिंह, , सुदामा जी, ललू जी , छोटन पांडे, गुड्डू तिवारी,सुरज,शिव कुमार,आचार्य बृजेश पांडे आदि समस्त भक्त गण उपस्थित रहे।