जमशेदपुर: मानगो दाई गुटु में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पंचम दिवस में हरिद्वार से आए कथावाचक पंडित बसंत नारायण शास्त्री जी ने समस्त भक्तों को भगवान बाल कृष्ण लाल की माधुर्यमयी लीला जैसे माखन चोरी लीला,चीर हरण लीला एवं गोवर्धन लीला जैसे सुंदर प्रसंगों को सुनाया। शास्त्री जी ने कहा कि भगवान केवल पदार्थ के नहीं अपितु भक्तों के भाव के भूखे होते हैं,भक्त अपने भक्ति रूपी डोर से भगवान को अपने बस में कर लेता है। निर्मल मन से भगवान को प्राप्त किया जा सकता है, ( निर्मल मन जन सो मोहि पावा, मोहि कपट छल छिद्र न भावा)
शास्त्री जी ने यह भी कहा कि मनुष्य का शरीर देव मंदिर के समान है अतः इस शरीर रूपी मंदिर में मांस मदिरा आदि जैसे अभक्ष्य पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए,,
मौके पर भगवान की सेवा में अधिवक्ता चिरंजीवी प्रकाश ( पप्पू जी) रामाश्रय सिंह रामसेवक सिंह ,जगदीश तिवारी, आचार्य बृजेश पांडे, रविंद्र तिवारी, मधु सर आदि अनेक भक्त सम्मिलित हुए।।