जमशेदपुरः टेल्को को-ऑपरेटिव सोसाइटी के चुनाव में 72 वर्षों बाद इतिहास बदला है। पहली बार सचिव के पद पर किसी मजदूर ने ताल ठोंकी और प्रबंधन के प्रत्याशी को बुरी तरह पराजित किया। वैसे इस बार का सोसाइटी चुनाव कई मायनों में ऐतिहासिक रहा है।
सोसाइटी के चुनाव में चेयरमैन, सचिव और कोषाध्यक्ष के पद पर शुरू से ही टाटा मोटर्स के पदाधिकारियों का ही मनोनयन होता रहा है। पहली बार लोकतांत्रिक तरीके से इस पद के लिए चुनाव हुआ। पहली बार एक मजदूर रूद्र प्रताप सिंह ने चुनाव मैदान में ताल ठोंकी और पहली ही बार में प्रबंधन को मजदूरों का दम दिखा दिया। प्रबंधन के प्रत्याशी बुरी तरह हार गए। रूद्र प्रताप सिंह ने सचिव पद के दूसरे प्रत्याशी अमितेश पांडेय को 337 वोट के अंतर से मात दे दी।
इसके बाद से तो जश्न का सिलसिला शुरू हो गया। मजदूरों में रूद्र प्रताप सिंह के जीत से काफी खुशी है। हालांकि प्रबंधन द्वारा अमितेश पांडेय को जीताने के सारे हथकंडे अपनाए जाते रहे। यूनियन भी अमितेश पांडेय का समर्थन कर रही थी और यूनियन के पदाधिकारियों और सदस्यों द्वारा व्हाट्सऐप मैसेज कर मजदूरों से अमितेश पांडेय को वोट देने की अपील की जा रही थी, लेकिन मजदूरों ने तो जैसे मन बना लिया था कि इस बार अपने मजदूर साथी को ही जीत दिलानी है और जब परिणाम आया तो मजदूर तो भरोसे में थे, लेकिन प्रबंधन के सारे किए कराए पर पानी फिर गया।
सुबह 9 बजे से कंपनी परिसर के भीतर ओल्ड कैंटीन हॉल में वोटिंग शुरू हुई। शाम 4 बजे तक करीब 70 प्रतिशत मतदान हुआ। इसके बाद गिनती शुरू हुई और सचिव पद का पहला परिणा आया। सचिव पद का पर्चा पिंक, महिला पद का पीला और पुरुष उम्मीदवारों का पर्चा सफेद रंग का था। तीन टेबल पर मतगणना जारी है, लेकिन जिसपर सबकी नजर थी वह था सचिव पद।
खास बात यह है कि सोसाइटी के पूर्व कार्यसमिति सदस्य अभय कुमार सिंह को भी मतदान स्थल पर जाने से रोक दिया गया था। सचिव पद पर एक मजदूर की जीत के बाद अभय सिंह ने कहा कि यह मजदूरों की जीत है और मजदूर इसी तरह जागरुक रहेंगे तो आने वाला समय उनका ही है। कोई उन्हें दबा कर नहीं रख सकेगा।