सरायकेला कोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका हुई खारिज, हाई कोर्ट में अभी सुनवाई भी नहीं हुई शुरू, लेकिन आरकेएफएल के सेनापति कह रहे बालकृष्ण को मिल गई जमानत
जमशेदपुर: रामकृष्ण फोर्जिंग के सीपीओ और एचआर का काम देख रहे शक्तिपदो सेनापति और उनके सहयोगियों द्वारा पुलिस अधिकारी के साथ बदसलूकी और कॉलर पकड़ने के साथ ही छायाकारों के साथ मारपीट करने के मामले में अब पुलिस बिल्कुल ही सुस्त हो गई है। सेनापति को जमानत मिलने के साथ ही पुलिस ने मामले से आंख मूंद लिया है। यही कारण है मामले के फरार दो अन्य आरोपियों बालकृष्ण खेतान और कुलदीप सिंह की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस बिल्कुल सुस्त रवैया अपनाए हुए है। यहां खास बात यह है कि दोनों आरोपियों को जमानत नहीं मिली है और वे अग्रिम जमानत का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि सरायकेला कोर्ट से उनकी यह याचिका खारिज हो गई है। इस प्रक्रिया में करीब तीन माह गुजर गए, लेकिन अब तक पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर रही है। अब इसका कारण क्या है, यह तो सरायकेला पुलिस ही बता सकती है।
मामले के मुख्य आरोपी शक्तिपदो सेनापति तो गिरफ्तारी के बाद ही बीमार हो गया। स्थिति यह बनी कि पुलिस जब उसे गिरफ्तार करने पहुंची तो वह भागने लगा था। पुलिस ने खदेड़ कर उसे पकड़ा। उस वक्त वह हाफ पैंट पहने था। बाद में पुलिस ने ही उसे एक पतलून और चप्पल खरीद कर दिया। हालांकि गिरफ्तारी के बाद ही उसकी तबीयत खराब हो गई और पुलिस ने उसे एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में भी उसने अपनी खूब चलाई। अलग केबिन लिया और वहीं से जमानत लेकर बाहर आ गया।
यहां इस पूरी कहानी का सार यह है कि उसी मामले में उसके दो सहयोगियों बालकृष्ण खेतान और कुलदीप सिंह अभी एंटीसिपेटरी बेल के प्रयास में ही लगे हैं। उन्होंने सरायकेला कोर्ट में एंटीसिपेटरी बेल के लिए याचिका दाखिल की थी। मामले में कई सुनवाई हुई। सबसे पहली सुनवाई 3 जून को हुई और उसके बाद अगली सुनवाई 15 जून, 24 जून, 2 जुलाई और अंतिम सुनवाई 12 जुलाई को हुई। 12 जुलाई को हुई अंतिम सुनवाई के बाद प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने उनकी एंटीसिपेटरी बेल पिटीशन को खारिज कर दिया।
सरायकेला कोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने झारखंड हाई कोर्ट की शरण ली है। यहां उनके अधिवक्ता द्वारा सारे दस्तावेज कोर्ट में दिए गए, जहां कुछ कमी के कारण कोर्ट से दस्तावेज सही करने के लिए कहा। अब इसकी तिथि 16 अगस्त निर्धारित की गई है। इस बीच बालकृष्ण और कुलदीप दोनों मजे से खुलेआम घूम रहे हैं और उन्हें रामकृष्णा फोर्जिंग के सीपीओ शक्तिपदो सेनापति का पूरा समर्थन मिल रहा है। चूंकि शक्तिपद सोनापति ने इसी मामले में कोर्ट से जमानत ले ली है, इसलिए वह फरार बालकृष्ण खेतान और कुलदीप सिंह के लिए सबकुछ बन गया है।
बालकृष्ण खेतान रामकृष्णा फोर्जिंग के परचेज डिपार्टमेंट में है। जब उनसे मोबाइल पर संपर्क किया गया तो उन्होंने साफ कहा कि उन्हें मामले में कुछ नहीं पता, सेनापति ही इसमें कुछ बता सकते हैं। इससे यह साफ है कि फरारी की स्थिति में बालकृष्ण मोबाइल पर उपलब्ध है, लेकिन पुलिस से दूर है। वहीं जब शक्तिपदो सेनापति से बात की गई तो उन्होंने कहा कि बालकृष्ण खेतान को तो जमानत मिल चूकि है। हालांकि, जब ई-कोर्ट में दर्ज जानकारी का हवाला दिया गया, तो उन्होंने मामले में बात करने से इंकार कर दिया।
चूंकि दोनों अब भी फरार हैं, लेकिन यह सेनापति का प्रभाव है, उसके खौफ का प्रभाव है या रामकृष्ण फोर्जिंग का सीपीओ होने के नाते पैसों का प्रभाव है, क्योंकि मामले में पुलिस द्वारा बालकृष्ण खेतान और कुलदीप सिंह को गिरफ्तार करना चाहिए था, लेकिन पुलिस इस मामले से अपनी आंखें मूंदे है। दोनों को एंटीसिपेटरी बेल लेने के लिए खुला छोड़ रखा है। वैसे कांड्रा थाना प्रभारी से बात करने पर उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है।
अग्रिम जमानत मिल जाने के बाद दोनों फ्री हो जाएंगे और खुलेआम घूमेंगे, यहां यह कहना गलत होगा, क्योंकि दोनों बिना अग्रिम जमानत के ही पूरी तरह मजे में हैं। बालकृष्ण खेतान महज एक कॉल की दूरी पर है, क्योंकि वह लगातार अपने लोगों के संपर्क में है वहीं कुलदीप सिंह के बारे में यह चर्चा है कि वह कंपनी के भीतर भी जा रहा है।
अब आप यह भी जान लें कि पूरा मामला क्या है। आपको बता दें कि रामकृष्ण फोर्जिंग के सीपीओ शक्तिपद सेनापति ने विगत 28 अप्रैल को कांड्रा टोल प्लाजा के पास ट्रैफिक पुलिस के साथ हाथापाई करते हुए एएसआई का कॉलर पकड़ लिया था। इस दौरान उधर से गुजर रहे पत्रकारों ने जब घटना तस्वीर और वीडियोग्राफी करनी शुरू की तो वे भड़क गए और अपने सहयोगियों के साथ मिलकर पत्रकारों के साथ भी मारपीट की और कैमरा छीनकर क्षत्तिग्रस्त कर दिया। मामले में गम्हरिया यातायात थाना के एएसआई प्रमोद कुमार सिंह ने रामकृष्ण फोर्जिंग के सीपीओ शक्तिपद सेनापति के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया है कि घटना के वक्त सेनापति मोबाइल से बात करते हुए तेज गति से वाहन (जेएच 22 टीसी-408) चला रहे थे और ऐसा करने से मना करने पर उन्होंने पुलिस के साथ बदसलूकी की और घटना की फोटोग्राफी कर रहे छायाकारों के साथ भी मारपीट की थी। इस मामले में मुख्य आरोपी शक्तिपदो सेनापति जमानत पर बाहर है, जबकि इसी मामले में उसके प्रमुख सहयोगियों में से बालकृष्ण खेतान और कुलदीप सिंह अब भी फरार हैं और अग्रिम जमानत का प्रयास कर रहे हैं।