▪️ उपायुक्त की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की मासिक समीक्षात्मक बैठक में सर्व शिक्षा अभियान, मध्याह्म भोजन, कस्तूरबा गांधी आवासीय एवं झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय तथा अन्य विभागीय योजनाओं के प्रगति की हुई समीक्षा
▪️किताबी ज्ञान से ज्यादा जरूरी बच्चों को व्यवहारिक शिक्षा देना है, ताकि वे बाहरी दुनिया में खुद को स्थापित कर सकें, विपरित परिस्थितियों में भी अनुकूलता बनाये रख सकें
जमशेदपुर
जमशेदपुर की डीसी विजया जाधव आज पूरी तरह से टीचर के रूप में नजर आयीं। उन्होंने बच्चों की क्लास भी ली। सुंदरनगर स्थिति कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में मासीक समीक्षा बैठक से पहले उन्होंने विभिन्न कक्षाओं का निरीक्षण कर छात्राओं से संवाद स्थापित करते हुए उनका मार्गदर्शन किया गया। इस दौरान उन्होंने कक्षा 7 में मैथ्स तथा कक्षा 8 में इकोनॉमिक्स की क्लास भी ली। उन्होंने बच्चों को व्यावहारिक शिक्षा देने पर बल दिया।
समीक्षा बैठक में समग्र शिक्षा, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय एवं मध्याह्न भोजन योजना आदि की समीक्षा की गई, जिसमें उप विकास आयुक्त प्रदीप प्रसाद, जिला शिक्षा पदाधिकारी एस डी तिग्गा, जिला स्तरीय सभी प्रभाग प्रभारी, सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी एवं कनीय अभियंता उपस्थित थे। स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार 2021-22 से संबंधित समीक्षा के क्रम में उपायुक्त ने शेष बचे विद्यालयों का रजिस्ट्रेशन 2 दिनों में कराने एवं सभी विद्यालयों का फाइनल सबमिशन अविलंब कराने का निर्देश दिया। साथ हीसभी प्रखंडों को वैसे निजी विद्यालय जो लॉक डॉन के कारण बंद हो गए हों उनकी सूची जांचोपरांत जिला मुख्यालय को उपलब्ध कराने का निर्देश भी दिया।
इसके अलावा उपायुक्त ने विद्यालयों में बिजली सुविधा की उपलब्धता को लेकर स्पष्ट आदेश दिया गया। इसके तहत जिन विद्यालयों का विद्युत कनेक्शन नहीं किया गया है, इसकी रिपोर्ट विभाग के एक इंजिनियर से लिखित रूप में लेते हुए सूची सहित प्रतिवेदन देने को कहा है। उन्होंने जिन 67 जर्जर विद्यालयों को ध्वस्त करा दिया गया है, उनकी सूची भी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया, ताकि जिला की योजना में शामिल करते हुए नए भवन का निर्माण कराया जा सके। इसी तरह पेयजल एवं शौचालयों की क्रियाशीलता के संबंध में सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को पुन: मूल्यांकन के बाद सूची उपलब्ध कराने को कहा गया।
उपायुक्त ने दस दिनों के अंदर सभी विद्यालयों में रंग रोगन, शौचालय एवं पेयजल सुविधा को क्रियाशील करने तथा ब्लैकबोर्ड का रंग रोगन इत्यादि का कार्य पूरा करने को कहा। इसके साथ ही उन्होंने सभी विद्यालयों में मासिक मूल्यांकन शुरू करने को कहा, ताकि बच्चों की उपलब्धि के अनुसार रेमेडियल क्लास चलाया जा सके।
कस्तूरबा विद्यालय के निरीक्षण के दौरान उन्होंने छात्राओं से बातचीत की और उनका मार्गदर्शन किया। उन्होंने बच्चों को व्यावहारिक शिक्षा देने पर बल दिया। कहा कि किताबी ज्ञान से ज्यादा जरूरी बच्चों को व्यवहारिक शिक्षा प्रदान करना है, ताकि वे बाहरी दुनिया में खुद को स्थापित कर सकें साथ ही विपरित परिस्थितियों में भी अनुकूलता बनाये रखने में सफल हों सकें। उपायुक्त ने सभी शिक्षिकाओं को कांसेप्ट बेस्ड लर्निंग का प्रयोग करने, बच्चों को प्रश्न पूछने के लिए प्रेरित करने तथा शिक्षकों को भी इंटरनेट के माध्यम से खुद को अपडेट रखने की सलाह दी।
इसी तरह उन्होंने विशेष तौर पर साफ-सफाई, मेन्सट्रूअल हाईजीन, गुड टच-बैड टच आदि के बारे में बताया और कहा कि विद्यालय में जहां बच्चे अपने जीवन का कीमती समय व्यतीत करते हैं, वहां सिर्फ किताबी ज्ञान देना बेमानी होगी। बच्चों के समग्र मानसिक एवं शारीरिक विकास का भी ध्यान रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। इस दौरान उन्होंने विद्यालय परिसर में साफ-सफाई तथा किचन एवं उपलब्ध अन्य सुविधाओं का भी अवलोकन किया। किचन के निरीक्षण के क्रम में भोजन के गुणवत्ता की जांच की तथा पौष्टिक एवं मेन्यू अनुसार भोजन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
स्वस्थ बच्चे : स्वच्छ विद्यालय जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
समीक्षा बैठक के उपरांत उपायुक्त ने स्वस्थ बच्चे : स्वच्छ विद्यालय को लेकर जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि यह रथ बच्चों को स्वच्छता संबंधित गतिविधियों की जानकारी देगा। साथ ही क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे की आंशिक मरम्मत में सहयोग करेगा। उपायुक्त ने कहा कि स्वच्छता के साथ-साथ अपने स्वस्थ जीवन के लिए स्वच्छता संबंधी आदतों को आत्मसात करना आवश्यक है।