जमशेदपुर में खालसा फतेह मार्च के दौरान टिनप्लेट से लेकर साकची गुरुद्वारा तक सिख संगत का जन सैलाब देखने को मिला। रविवार को जरनैल जस्सा सिंह रामगढ़िया की 300वीं शताब्दी और अकाली बाबा फूला सिंह 200वीं शताब्दी को समर्पित खालसा फतेह मार्च टिनप्लेट गुरुद्वारा से प्रारंभ हुआ।
सिख समाज के प्रभुत्व शख्सियतों में सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के प्रधान सरदार भगवान सिंह सहित चेयरमैन सरदार शैलेंद्र सिंह, तख़्त श्री पटना साहिब के महासचिव सरदार इंद्रजीत सिंह, गुरमीत सिंह तोते, समाजसेवी अमरप्रीत सिंह काले, सीजीपीसी के महासचिव अमरजीत सिंह, सलाहकार गुरचरण सिंह बिल्ला, साकची गुरुद्वारा के प्रधान सरदार निशान सिंह, कोषाध्यक्ष गुरनाम सिंह बेदी, अमरजीत भामरा, उपाध्यक्ष चंचल सिंह समेत टिनप्लेट गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के ओहदेदार और सीजीपीसी के अन्य सदस्यों ने फतेह मार्च को रवानगी देने उपरांत पैदल मार्च करते हुए साकची गुरुद्वारा पहुंचे।
इससे पूर्व जमशेदपुर के वरीय पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार व धालभूम अनुमंडलाधिकारी पीयूष सिन्हा ने टिनप्लेट गुरुद्वारा पहुँचकर माथा टेका।
फ़तेह मार्च में गतका टीम मोटरसाइकिल ग्रुप, दस्तार व गुरमुखी सिखलाई ग्रुप, निहंग जत्थेबंदी आकर्षण का केंद्र रहे इसके अलावा घुड़सवारों का ग्रुप भी फतेह मार्च की शोभा बढ़ा रहे थे।
सेंट्रल सिख नौजवान सभा ने ट्रैफ़िक कंट्रोलिंग की भूमिका बख़ूबी निभाई। नौजवान सभा ने इस बात का ख्याल रखा कि पालकी साहिब में संगत को प्रसाद लेने में किसी प्रकार की दिक्कत न हो और फतेह मार्च सुचारु रूप से ससमय साकची गुरुद्वारा पहुचें।
मुख्य आकर्षण का केंद्र सुसज्जित पालकी साहिब में टिनप्लेट से लेकर साकची गुरुद्वारा साहिब में समापन तक शब्द-कीर्तन होता रहा। संगत ने पालकी साहिब में सुशोभित गुरु ग्रंथ साहिब को माथा टेक कर प्रसाद ग्रहण किया। साकची हावड़ा ब्रिज पहुंचने पर फतेह मार्च का भव्य स्वागत आतिशबाजी चलाकर किया गया।
फतेह मार्च ससमय साकची गुरुद्वारा पहुंचा जहां अकाली दल के सदस्यों ने आनंद साहिब के पाठ के उपरांत मार्च समाप्ति की अरदास की। सीजीपीसी कार्यालय में संगत के लिये लंगर की व्यवस्था कि गई जहां संगत ने प्रसादरूपी लंगर छक कर गुरूघर की खुशियाँ प्राप्त की।
फतेह मार्च के सफल आयोजन पर भगवान सिंह ने सीजीपीसी के तमाम सदस्यों का विशेषरूप से समूह साध संगत का तह-ए-दिल से स्वागत व धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि ख़ालसा फतेह मार्च को सिख संगत ने ही उम्मीद से ज्यादा सफल बनाया है।
जमशेदपुर सहित घाटशिला और चाईबासा की सिख संगत भी फ़तेह मार्च के दौरान जस्सा सिंह रामगढ़िया को श्रद्धांजलि देने जमशेदपुर पहुंची थी।