▪️जेएनएसी अंतर्गत शास्त्रीनगर, निर्मल घाट तथा भूंईयांडीह, जमशेदपुर सदर प्रखंड के बड़ौदा घाट, मानगो नगर निगम अंतर्गत श्यामनगर में जलजमाव
▪️स्वर्णरेखा एवं खरकई नदी खतरे के निशान से ऊपर, डीसी ने लोगों से की नदी किनारे न जाने और आश्रय गृहों में शरण लेने की अपील
जमशेदपुरः झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले (जमशेदपुर) में दो दिनों से लगातार हो रही बारिश तथा चांडिल डैम, खरकई डैम व ब्यांगबिल डैम के फाटक खोले जाने के कारण स्वर्णरेखा एवं खरकई नदी के जलस्तर में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। दोनों नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। बारिश तथा नदियों के जलस्तर में बढ़ोत्तरी से नदी से सटे निचले इलाके पूरी तरह जलमग्न हो गए। यहां तक की लोगों के घर भी पानी में डूब गए हैं, जिस कारण घर का सामान भी बरबाद हो गया। इससे लोगों को काफी नुकसान भी हुआ है।
तेज हवा और बारिश के कारण कई क्षेत्रों में पेड़ तक उखड़ कर गिर गए, जिससे आवागमन बाधित हुआ तो बिजली के हाई टेंशन तार पर पेड़ के गिर जाने के कारण पूरे शहर में करीब 18 से 20 घंटे तक ब्लैक आउट रहा, जिससे लोगों को काफी परेशानी हुई।
बारिश और बाढ़ के कारण उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने उपायुक्त विजया जाधव ने आज जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति, जमशेदपुर सदर प्रखंड एवं मानगो नगर निगम के क्षेत्रों का सघन दौरा कर प्रभावित स्थलों का जायजा लिया। इस दौरान अपर उपायुक्त सौरभ सिन्हा, जिला परिवहन पदाधिकारी दिनेश रंजन, विशेष पदाधिकारी जेएनएसी संजय कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी मानगो नगर निगम सुरेश यादव, प्रखंड विकास पदाधिकारी जमशेदपुर सदर प्रवीण कुमार एवं अंचलाधिकारी अमित श्रीवास्तव मौजूद रहे।
उपायुक्त ने शास्त्रीनगर (जय प्रभा कॉम्प्लेक्स के पीछे) का निरीक्षण किया तो पाया कि यहां खरकई नदी से सटे नाले में बने करीब 6-7 घर पूरी तरह जलमग्न हो गए थे। उपायुक्त द्वारा तत्काल लोगों को सुरक्षित स्थानों में शरण लेने की अपील की गई। इस दौरान उन्होंने निर्मल घाट का भी जायजा लिया, खरकई नदी का तेज बहाव एवं जलस्तर में लगातार देखी जा रही बढ़ोत्तरी के कारण लोगों को जल्द से जल्द उस स्थान को छोड़ते हुए जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराये गए आश्रय स्थलों में जाने के निर्देश दिए गए।
निर्मल घाट के बाद जिला प्रशासन की टीम बागबेड़ा के बड़ौदा घाट पहुंची, यहां भी खरकई नदी से जुड़ने वाले नाले के कारण 2-4 घरों में पानी घुस गया है तथा पानी का स्तर भी लगातार बढ़ रहा है। जिला उपायुक्त द्वारा यहां सामुदायिक भवन का भी निरीक्षण कर लोगों के ठहरने एवं खान-पीने के इंतजाम करने के निर्देश मौके पर मौजूद पदाधिकारियों को दिए गए। इसके बाद भुईयांडीह के कल्याणनगर एवं इंदिरानगर में स्वर्णरेखा नदी के जलस्तर का जायजा लेने पहुंची जिला प्रशासन की टीम ने तत्काल जलमग्न हुए घरों के लोगों को सुरक्षित स्थानों में जाने की अपील की तथा नदी के आसपास बसे लोगों को माइकिंग के द्वारा बढ़ते जलस्तर को लेकर सचेत करते रहने के निर्देश जेएनएसी के विशेष पदाधिकारी को दिए।
उपायुक्त विजया जाधव ने बताया कि मौसम के पूर्वानुमान के मुताबिक आगे भी बारीश की संभावना बनी हुई है। चांडिल डैम के 7 गेट अब तक खोले गए हैं, जिससे खरकई खतरे के निशान से 6 मीटर ऊपर तथा स्वर्णरेखा नदी खतरे के निशान से 2 मीटर ऊपर बह रही है। उन्होंने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की।
जुगसलाई इस्लाम नगर में एक घर के जलमग्न होने पर कुछ लोगों के फंसे होने की सूचना पर तत्काल जुगसलाई नगर परिषद की टीम द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए लोगों को बाहर निकाला गया। बागबेड़ा में एनडीआरएफ की मदद से राहत बचाव कार्य चलाया जा रहा है वहीं भोजपुर कॉलोनी, बारीडीह में एक परिवार के बाढ़ के पानी में फंसे होने की सूचना पर परिवार को सुरक्षित निकालने की कार्रवाई की जा रही है। जिला उपायुक्त द्वारा लगातार सभी परिस्थितियों पर गहन निगरानी रखी जा रही है।
उपायुक्त द्वारा जिला आपूर्ति पदाधिकारी को आश्रय गृह/शेल्टर होम के लिए चूड़ा, गुड़ का सप्लाई करने के निर्देश दिए गए हैं। किसी भी आकस्मिक परिस्थिति के लिए एम्बुलेंस तैयार हैं। पी.सी.आर के माध्यम से भी लोगों को सुरक्षित स्थानों में शरण लेने की अपील की जा रही है। किसी जलमग्न स्थान में कोई परिवार या व्यक्ति फंसे हों तो डायल 100 पर भी राहत बचाव के लिए संपर्क करने को कहा गया है।
बता दें कि जिला प्रशासन द्वारा अबतक जलमग्न क्षेत्रों से 65 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है। इस कार्य में जिला प्रशासन की टीम के साथ-साथ एनडीआरफ के 19 सदस्यीय दल भी मुस्तैदी से जुटे हुए हैं।
जमशेदपुर सदर प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा लगभग 500 लोगों को खाद्य सामग्री, जुगसलाई नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा 200 लोगों को खिचड़ी व अन्य खाद्य सामग्री तथा मानगो नगर निगम के कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा अबतक राहत बचाव कार्य करते हुए 250 लोगों के बीच चूड़ा, चीनी, ब्रेड, केला वितरित किया गया है।
जिला आपूर्ति पदाधिकारी द्वारा शहरी क्षेत्र के दाल भात केन्द्र संचालिकाओं को अपने क्षेत्र के आपूर्ति पदाधिकारी के निदेशानुसार वैसे सेंटर पर जहां बाढ़ प्रभावित लोगों ने शरण ली है अपने केन्द्र को स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया है। इसी तरह जमशेदपुर प्रखंड की संचालक को अपने प्रखंड विकास पदाधिकारी के निदेशानुसार वैसे जगह पर अपना सेंटर स्थापित करने को कहा गया है, जहां शेल्टर होम संचालित किया जा रहा है।