रांची
साहेबगंज में फॉसिल पार्क का निर्माण हो रहा है। यह अच्छी बात है। लेकिन इसको लेकर गंभीरता नहीं दिखाई गई। हमने इसकी जानकारी लोगों से साझा नहीं की। उक्त बातें झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कही। वे झारखण्ड राज्य वन्यजीव बोर्ड की 14वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि फॉसिल पार्क को लेकर लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। ये फॉसिल पत्थर नहीं इतिहास के पन्ने हैं। इसका सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोर माइनिंग क्षेत्र में भी फॉसिल के होने की जांच होनी चाहिए। वन्य प्राणी आश्रयणियों के अंदर स्थित स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को वन्यप्राणियों के संरक्षण के प्रति जागरूक करने की जरूरत है। इससे वन्यजीव संरक्षण को बल मिलेगा साथ ही, बच्चे अपनी मर्जी के अनुरूप इसे कॅरियर के रूप में अपना सकेंगे। श्री सोरेन ने राज्य के जंगल को समृद्ध करने की भी जरूरत बतायी। कहा कि कई राज्य अपने जंगल और वन्यजीव को लेकर कार्य कर रहे हैं और वन विभाग को झारखंड के लिए उस मॉडल को अपनाना चाहिए। सीएम ने कहा कि अगर बेहतर सुविधा देंगे तो लोग अवश्य यहां आएंगे।
कॉरिडोर की स्थिति को ठीक करें, अंडरपास निर्माण में ध्यान दें
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन्य जीव खासकर हाथी कॉरिडोर पर विभाग को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। कॉरिडोर से गुजरने वाली सड़कों के किनारे दीवार या लोहे का ऊंचा बैरियर लगा दिया जाता है। ऐसे में हाथियों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ता है। इनके लिए बेहतर ढंग से अंडरपास का निर्माण करवाना चाहिए। इसी तरह जहां जरूरत हो वहीं अंडरपास का निर्माण करें, ताकि वन्यजीवों को सड़क पार करने में सुविधा हो सके। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण को लेकर हमें बदलाव करने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कोडरमा वन्य प्राणी आश्रयणी से होकर गुजरने वाली नेशनल हाईवे के चौड़ीकरण हेतु एक समिति गठीत करने को कहा, ताकि वहां मौजूद सड़क को कैसा बनाया जाए, इसपर सहमति बने और वन्यजीव का संरक्षण भी हो सके।
पर्यटकों के लिए जंगलों में लगेगा कैंप
वन (संरक्षण) अधिनियम 1980 और वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 के प्रावधानों के अनुपालन में पर्यावरण के अनुकूल विभिन्न उपयुक्त स्थानों पर शिविर लगाने का प्रावधान पर्यटन नीति के तहत किया गया है। इसके लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाएगा। पर्यटन विभाग पर्यटकों के लिए वन्यजीव पार्कों/चिड़ियाघरों, बर्ड वाच टावर और अन्य उपयोगी सेवाओं के विकास और सुधार के लिए वन और पर्यावरण विभाग के साथ कार्य करेगा। वन्यजीव अभ्यारण्य और राष्ट्रीय उद्यान पर्यटन के अभिन्न अंग के रूप में एकीकृत होंगे।
फॉसिल पार्क का हो रहा निर्माण
साहेबगंज में फॉसिल पार्क निर्माणाधीन है। 95 प्रतिशत निर्माण पूर्ण हो चुका है। इसके निर्माण के बाद पर्यटक सैकड़ों वर्ष पूर्व के जीवाश्म देख सकेंगे। मुख्यमंत्री ने इसके निर्माण को लेकर विशेष निर्देश वन विभाग को दिया है। वन विभाग राजमहल की पहाड़ियों समेत अन्य स्थानों पर फॉसिल पार्क की संभावनाओं को तलाश रहा है।
बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव एल. खिंग्याते, पीसीसीएफ ए के रस्तोगी, पुलिस महानिदेशक नीरज सिन्हा, एडीजी सीआईडी प्रशांत कुमार, निदेशक मत्स्य एच एन द्विवेदी, विभिन्न वन प्रमंडल के डीएफओ, वन जीव संरक्षण के लिए कार्य करने वाले गैर सरकारी संगठन के सदस्य एवं अन्य उपस्थित थे।