▪️अनुमंडल एवं थाना स्तर पर शांति समिति की बैठक कर राज्य सरकार के दिशा निर्देशों से अवगत कराने, सोशल मीडिया पर विशेष निगरानी रखने, अफवाहों और भ्रामक खबरों का प्रचार करने वाले ग्रुप एडमिन/सदस्य पर कार्रवाई की चैतावनी
▪️4 अप्रैल से 12 अप्रैल तक सभी पदाधिकारियों, पर्यवेक्षक और अभियंता को जिला मुख्यालय न छोड़ने का निर्देश
जमशेदपुर: चैती छठ और रामनवमी के दौरान विधि व्यवस्था बनाए रखने को लेकर जिला प्रशासन सक्रिय है। इसे लेकिर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिए गए हैं। आज उपायुक्त कार्यालय सभागार में उपायुक्त श्रीमती विजया जाधव की अध्यक्षता में हुई बैठक में चैती छठ एवं रामनवमी पर्व के दौरान विधि व्यवस्था के सफल संधारण तथा पेयजलापूर्ति, सड़क मरम्मतीकरण, घाटों की साफ सफाई, अग्निशमन वाहन, मेडिकल टीम की प्रतिनियुक्ति, जुलूस के रूट आदि की समीक्षा की गई तथा आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए।
उपायुक्त ने सर्वप्रथम चैती छठ को लेकर दो मुहानी घाट व स्वर्णरेखा नदी के घाटों की साफ सफाई, स्ट्रीट लाइट की मरम्मत, घाट में पर्याप्त विद्युत व्यवस्था, एम्बुलेंस व मेडिकल टीम की प्रतिनियुक्ति आदि को लेकर तीनों नगर निकाय पदाधिकारियों व जुस्को व शहर में अवस्थित अन्य निजी कंपनी के प्रतिनिधियों को अपने-अपने पोषक क्षेत्र में आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का अनुपालन कराने के साथ साथ श्रद्धालुओं की सुविधा का भी विशेष ध्यान रखना जिला प्रशासन की प्राथमिकता में है। उपायुक्त ने सभी से पर्व त्योहार को हर्षोल्लास मनाने को कहा साथ ही कहा कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से पुलिस प्रशासन द्वारा व्यापक इतंजाम किये जायेंगे।
उपायुक्त विजया जाधव ने रामनवमी पर्व को लेकर अनुमंडल व थानावार शांति समिति की बैठक सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य रूप से राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 के मद्देनजर जारी गाइडलाइन तथा निबंधित अखाड़ा समितियों के जुलूस रूट चार्ट पर विमर्श किया गया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश में जुलूस में 100 से ज्यादा श्रद्धालुओं के शामिल नहीं होने की अनुमति है तथा जहां पर सभी का मिलान होगा, वहां पर जुलूस में श्रद्धालुओं की अधिकतम संख्या 1000 से अधिक नहीं होगी। उन्होंने बताया कि शाम 6 बजे तक ही धार्मिक जुलूस का आयोजन किया जाना है। बैठक में उपस्थित पदाधिकारियों को निर्गत आदेश का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करवाने हेतु निर्देशित करते हुए बताया गया कि गाइडलाइन के मुताबिक धार्मिक जुलूस में रिकॉर्डेड म्यूजिक, डीजे बजाने की मनाही रहेगी। इस दौरान कोविड अनुरूप व्यवहार यथा मास्क, हैंड सेनेटाईजर का प्रयोग अनिवार्य होगा। इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों के निबंधित अखाड़ा के जुलूस के मार्ग का निरीक्षण कर आवश्यक तैयारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।
इसके साथ ही सभी जुलूस की वीडियो रिकॉर्डिंग कराने तथा चप्पे चप्पे पर सीसीटीवी से भी निगरानी का निर्देश दिया गया। जिला उपायुक्त ने सोशल मीडिया पर विशेष निगरानी रखने को कहा ताकि किसी भी प्रकार का कोई भी आपत्तिजनक एवं बिना पुष्टि के संदेश का प्रसार नहीं हो सके। त्योहार के दिनों में फायर ब्रिगेड, बिजली विभाग, पेयजल विभाग एवं नगर परिषद के पदाधिकारियों को भी पूरी तरह से सतर्क रहने को कहा गया। इसके साथ ही सभी एसडीओ/एसडीपीओ/बीडीओ/सीओ/थाना प्रभारी आपसी समन्वय स्थापित करते हुए क्षेत्र में काम करेंगे। जुलूस का रूट व जुलूस कहां शुरू होगा एवं कहा खत्म होगा, समय अवधि आदि की पूरी जानकारी उन्हें रखनी होगी। उपायुक्त ने संवेदनशील स्थानों, उन्मादी व असामाजिक तत्वों पर विशेष निगरानी रखने को कहा। इसी तरह सिविल डिफेंस वालंटियर की प्रतिनियुक्ति, सभी अस्पतालों में एंबुलेंस को अलर्ट मोड में रखने के साथ ही इमरजेंसी वार्ड को क्रियाशील रखने एवं पर्याप्त संख्या में रिजर्व चिकित्सक व मेडिकल टीम तैयार रखने के निर्देश दिए। वहीं सभी पदाधिकारी, पर्यवेक्षक व अभियंताओं को 4 से 12 अप्रैल तक जिला मुख्यालय में ही रहने का आदेश दिया गया।
बैठक में एसडीएम धालभूम संदीप कुमार मीणा, निदेशक डीआरडीए सौरभ सिन्हा, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर नंदकिशोर लाल, प्रभारी सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल, जिला परिवहन पदाधिकारी दिनेश रंजन, तीनों नगर निकाय पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रोहित कुमार, जुस्को के प्रतिनिधि, विद्युत, पेयजल, अग्निशमन विभाग के पदाधिकारी मौजूद रहे।