Mohit Kumar
दुमका: धनबाद के गोविंदपुर स्थित स्मृति भवन में माझी परगना महाल, मान दिशोम एवं ओलचिकी हूल बैसी के संयुक्त तत्वावधान में मान दिशोम देश पारगना बाबा किशोर कुमार मुर्मू की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में विशेष रूप से वर्तमान झारखंड सरकार द्वारा ओलचिकी लिपि की अवहेलना करने के विषय पर चर्चा की गई।
बैठक में कहा गया कि संथाली भाषा आठवीं अनुसूची में सम्मिलित है एवं इसकी स्वतंत्र लिपि ओल चिकी है। इसीलिए मातृभाषा में पठन-पाठन हेतु संथाली भाषा के लिए ओलचिकी लिपि का व्यवहार किया जाना चाहिए। कहा गया कि ऐसा न होने पर आदिवासी संथाल समाज आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन के लिए विवश हो जाएगा।
बैठक में समाज के अगुवाओं ने राज्य सरकार को अल्टीमेटम देते हुए चेतावनी दी है कि अगर 27 जून 2023 तक ओलचिकी हूल बैसी द्वारा दिए गए मांगों पर विचार करते हुए उचित पहल नहीं की तो आगामी 4 जुलाई 2023 को संपूर्ण झारखंड बंद किया जाएगा।
इसके लिए ओलचिकी हूल बैसी धनबाद जिला कमेटी का गठन किया गया। इस कमेटी में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष का चयन कर प्रत्येक प्रखंड से दो-दो सक्रिय सदस्य को शामिल किया गया है। बैठक में कहा गया कि झारखंड बंद के दौरान शांतिपूर्ण तरीके से रोड जाम किया जाएगा। इस दौरान समाज के हजारों लोगों के साथ सड़क पर ढोल नगाड़े के साथ नाच-गान करते हुए बंद करने की रणनीति बनाई गई है।
बैठक में ओलचिकी हूल बैसी के अध्यक्ष सुभाष चन्द्र मांडी, महासचिव दुर्गा चरण मुर्मू, कोषाध्यक्ष पंचानन सोरेन, अनिल टुडू, आलसा सोरेन, गौतम मुर्मू, निलशन सोरेन, सिमा मुर्मू, सुमन कुमारी, पुनम मारांडी, धनाई मुर्मु, बालेश्वर सोरेन, रामदास सोरेन, धार्मा मुर्मू, दिलीप हांसदा, दुलाल हांसदा सहित विभिन्न गांवों के माझी बाबा, मुखिया, जिला परिषद सदस्य सहित काफी संख्या में समाज के लोग उपस्थित थे।