Mohit Kumar
दुमका : दुमका के बाल कल्याण समिति (CWC) ने रेकार्ड समय में दत्तक ग्रहण (Adoption) के लिए एक बालक को कानूनी रूप से मुक्त (legally Free) घोषित किया है। बुधवार को सीडब्ल्यूसी के चेयरपर्सन डॉ अमरेन्द्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डॉ राज कुमार उपाध्याय, कुमारी बिजय लक्ष्मी और नूतन बाला ने 2 माह और 6 दिन के एक बालक को एडॉप्शन के लिए लीगली फ्री किये जाने का प्रमाणपत्र जारी किया।
चेयरपर्सन डॉ अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी के द्वारा एक महिला को समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया था, जो सात माह की गर्भवती थी। जिसके पिता के बारे में महिला को कुछ पता नहीं था। ऐसी स्थिति में जन्म लेने के बाद बच्चे के जान पर खतरा होने, उसे त्याग दिये जाने या बेच दिये जाने की संभावना के कारण किशोर न्याय (बालकों के देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 30 (2) के तहत मामला दर्ज करते हुए इस गर्भस्थ महिला को धधकिया स्थित बालगृह (बालिका) में रखा गया।
समिति के देखरेख और संरक्षण में दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 21 जुलाई 2023 को महिला ने एक स्वस्थ्य शिशु को ऑपरेशन से जन्म दिया। अस्पताल से छुट्टी मिलने पर महिला ने अपने बेटे को समिति के समक्ष प्रस्तुत किया और उसे सरेंडर करने का आवेदन दिया। समिति ने महिला व उसके बच्चे को वापस बालगृह में रखवा दिया। समिति ने डीसीपीओ से बच्चे का एसआईआर मंगवाया। एसआईआर में बताया गया कि महिला के परिवार ने उसे त्याग दिया है और उस बच्चे से वह कोई नाता नहीं रखना चाहते हैं। सरेंडर आवेदन देने की तिथि से अगले दो माह के दौरान महिला का तीन बार काउंसलिंग करवाया जिसमें उसने बच्चे को अपनाने से इनकार किया और उसे सरेंडर करने के अपने निर्णय पर कायम रही।
60 दिनों की पुनर्विचार अवधि के पूरा होने पर मंगलवार को महिला का समिति द्वारा पुनः बयान लिया गया जिसमें उसने अपने दो माह 5 दिन के बच्चे को एडॉप्शन के लिए समिति को सौंप दिया। बुधवार को समिति ने इस बालक को एडोप्शन के लिए लीगली फ्री किये जाने का सर्टिफिकेट जारी कर दिया। इसके साथ ही बच्चे को एडॉप्शन में देने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। दुमका के श्री अमड़ा में स्थित विशिष्ट दत्तक ग्रहण एजेंसी (एसएए) द्वारा कारा व सारा (सीएआर व एसएआरए) के द्वारा तय प्रक्रियाओं को पूरा करते हुए निःसंतान दंपत्ति को इस बालक को जल्द ही गोद दे दिया जायेगा।