जमशेदपुरः विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर अगामी 9 अगस्त को शहर से सटे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र सरजमदा में आदिवासी समाज के लोग दीयों से अपने घरों को सजाएंगे। इस मौके पर विभिन्न आदिवासी क्षेत्रों में कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और आदिवासी समाज के लोग अपने अपने पारंपरिक वेशभूषा में इसमें शामिल होते हैं। वहीं सरजमदा के पुराना बस्ती स्थित ईजीएल मैदान में मुख्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे और विभिन्न वक्ताओं द्वारा विश्व आदिवासी दिवस के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की जाएगी।
गांव के राजेश मार्डी ने कहा कि जब से कोल्हान क्षेत्र में आदिवासी दिवस की शुरुआत हुई है तब से सिर्फ जमशेदपुर के रीगल मैदान में ही मुख्य कार्यक्रम होता था। अब आदिवासी समाज इस विश्व आदिवासी दिवस के महत्व को जान गया है, इसलिए पिछले तीन सालों से लगातार आदिवासी समाज के लोग अपने अपने घरों में दिए जलाते हैं और एक दूसरे को विश्व आदिवासी दिवस की बधाई देते हैं। पुड़सी माझी बाबा भुगलू सोरेन ने बताया कि कोल्हान क्षेत्र में 1999 को चाईबासा में एक बंद कमरे से इस आदिवासी दिवस की शुरुआत हुई और आज पूरे विश्व के आदिवासी जगह-जगह हर चौक चौराहों में इसे बड़े स्तर पर धूमधाम के साथ मनाते है।