जमशेदपुरः लोकसभा चुनाव के लिए प्रशासन द्वारा मतदाताओं की सुविधा के लिए की गई तैयारी की पोल चुनाव के दौरान खुल गई। पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन ने दावे के साथ कहा था कि जिले के सभी मतदान केंद्रों में मतदाताओं का खास ध्यान रखा जाएगा। इसके लिए धूप से बचने के लिए टेंट, पानी, बैठने के लिए कुर्सियां और पानी पिलाने के लिए दो से चार कर्मी भी मौजूद रहेंगे, लेकिन पूर्वी विधानसभा क्षेत्र में पूरी व्यवस्था की पोल खुल गई। प्रचंड गर्मी और तपिश के बीच मतदाता लंबी कतार लगाकर अपनी बारी आने का इंतजार करते रहे। कोई खुले आसमान के नीचे छाता लेकर तो कोई किसी और चीज से धूप से बचने का प्रयास कर रहा था।
बिरसानगर के हुरलुंग स्थित राजकीयकृत मध्य विद्यालय प्रांगण की स्थिति और ही दयनीय थी। यहां मतदान केंद्र छोटा होने और एक ही द्वार होने के कारण स्थिति और बिगड़ गई। खुले आसमान के बाद मतदाता जब भवन में प्रवेश कर रहे थे तो वहां एक भी पंखा नहीं लगे होने के कारण प्रचंड गर्मी में सब परेशान थे। वे सरकार और प्रशासन की व्यवस्था पर कटाक्ष करने लगे। लोग यह भी कह रहे थे कि वोट देना हमारा अधिकार है, इसलिए तीन-तीन घंटे धूप में खड़े होकर अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन सरकार के जिम्मेदार अपना कर्तव्य भूल गए। यही वजह है कि धूप से बचने के लिए टेंट और कुर्सियां तो दूर कमरे में पंखे तक लगाना भूल गए।
वहीं घोड़ाबांधा स्थित शहीद निर्मल महतो उच्च विद्यालय में भी स्थिति बदहाल दिखी। मतदाताओं का कहना था कि उन्हें घंटों कड़ी धूप में कतार में लगकर अबनी बारी का इंतजार करना पड़ा। इतना ही नहीं यहां पानी की व्यवस्था नहीं की गई थी। इस कारण मतदाताओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
हालांकि शहरी क्षेत्र के मतदान केंद्रों में यह कमियां नहीं देखी गई। बता दें कि जिला प्रशासन ने घोषणा की थी कि सभी मतदान केंद्रों में मतदाताओं के लिए खास ध्यान रखा जाएगा लेकिन जमीनी तौर पर स्थिति और व्यवस्था न के बराबर थी।