टाटा समूह आज अपने संस्थापक जेएन टाटा की 185 वीं जयंती मना रहा है। जमशेदपुर में टाटा स्टील परिसर में वर्क्स गेट के पास रविवार को आयोजित समारोह में टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन और टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन के साथ टाटा समूह के सभी अधिकारियों, यूनियन के पदाधिकारियों और सभी विभागों की ओर से टाटा साहब को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इस दौरान सभी विभागों की ओर से झांकियां भी निकाली गई। इसके बाद चेयरमैन चंद्रशेखरन बिष्टुपुर स्थित पोस्टल पार्क पहुंचे और वहां भी जेएनटाटा की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। इस दौरान टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन, झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, रूचि नरेंद्रन, डेजी ईरानी सहित अन्य ने संस्थापक को नमन किया।
यहां चंद्रशेखरन ने शहरवासियों को संबोधित किया। उन्होंने शहर वासियों एवं कर्मचारियों को संस्थापक दिवस की शुभकामनाएं दी। कहा कि आज का दिन टाटा समूह के लिए प्रेरणादायक और मार्मिक दिन होता है। इस दिन हम अपने संस्थापक के सपनों को साकार करने और वैश्विक चुनौतियों के बीच खुद को स्थापित करने का संकल्प लेते हैं। उन्होंने यूएस और चाइना से मिल रही चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि हम अपनी गुणवत्ता और प्रतिबद्धता की बदौलत मजबूती के साथ वैश्विक बाजार में बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि स्टील उत्पादन समूह का बेसिक व्यवसाय है मगर धीरे- धीरे अब समूह सेमीकंडक्टर और खासकर ऊर्जा के क्षेत्र में कदम तेजी से बढ़ा रही है। कहा कि इसमें चुनौतियां तो हैं साथ ही पर्याप्त अवसर भी हैं।
श्री चंद्रशेखरन ने कहा कि स्टील उत्पादन के साथ समूह तेजी से एनर्जी की तरफ व्यवसाय को फोकस कर रही है। बताया कि ग्रीन एनर्जी के जरिए कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि टाटा समूह वर्तमान में 22 मिलियन टन स्टील उत्पादन कर रहा है और जल्द ही यह 30 मिलियन टन तक पहुंच जाएगा। इतना ही नहीं अगले 10 वर्षों के भीतर समूह ने 40 मिलियन टन स्टील उत्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से काम चल रहा है, ताकि कार्बन उत्सर्जन कम से कम हो।
चेयरमैन श्री चंद्रशेखरन ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों को देखते हुए समूह ने अपने व्यवसाय में बदलाव करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि सभी योजनाओं के पायलट प्रोजेक्ट की तैयारी हो चुकी है और आने वाले समय में इसके परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने जमशेदपुर टाटा समूह का मंदिर बताते हुए कहा कि यहां हम अपने संस्थापक की पूजा करने आते हैं और वैश्विक चुनौतियों का मुकाबला करने का प्रण लेते हैं।