जमशेदपुर : पूरी दुनिया में संचार के सबसे बड़े प्लेटफॉर्म, ट्रूकॉलर (True caller) और साइबरपीस फाउंडेशन (Cyber peace Foundation), एक गैर- पक्षपातपूर्ण नागरिक समाज संगठन, ने वर्तमान में राष्ट्रीय स्तर पर जारी #TrueCyberSafe अभियान के तहत झारखंड में अपने पहले प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस अभियान की शुरुआत करीम सिटी कॉलेज में झारखंड वायरलेस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आर.के. मलिक द्वारा की गई। कार्यक्रम में टाटा स्टील के इन्फ्रा एंड सिक्योरिटी के प्रमुख एमके पाल भी उपस्थित थे।
इस अभियान की शुरुआत के बाद प्रशिक्षण दिया गया, जो साइबर अपराध के बारे में जागरूकता बढ़ाने तथा डिजिटल जगत में सुरक्षित तरीके से कामकाज करने की क्षमता विकसित करने पर केंद्रित था। इस कार्यक्रम में छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों, पुलिस अधिकारियों तथा अन्य लोगों ने भी भाग लिया।
#TrueCyberSafe पहल का उद्देश्य लोगों के बीच जागरूकता फैलाना तथा उन्हें ऑनलाइन माध्यमों के सुरक्षित तरीके से उपयोग के लिए आवश्यक साधनों से सुसज्जित करने के साथ-साथ साइबर धोखाधड़ी, खतरों और घोटालों से निपटने के तरीकों के बारे में प्रशिक्षण देना है। पहले ही 5 लाख से अधिक लोग इस राष्ट्रीय अभियान से जुड़ चुके हैं और वर्तमान में भारत के 3 क्षेत्रों, यानी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, कर्नाटक और उत्तर-पूर्व में इसका संचालन किया जा रहा है। कुल मिलाकर, इस अभियान के माध्यम से भारत के 5 क्षेत्रों में 16 लाख से अधिक लोगों तक पहुंचने का प्रयास किया गया है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आर.के. मलिक ने कहा कि टेक्नोलॉजी एक ऐसा साधन है, जिसका उपयोग लोगों की भलाई या बुराई के लिए किया जा सकता है। टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हुए इनोवेशन ने लोगों को इस तरह से जोड़ा है जिसकी पहले कभी कल्पना भी नहीं की गई थी, लेकिन इसने उत्पीड़न, धमकाने, पीछा करने, फ़िशिंग, पहचान की चोरी, बैंकिंग धोखाधड़ी, और इसी तरह की बहुत सी आपराधिक गतिविधियों का रास्ता साफ कर दिया है। इस तरह के डिजिटल अपराध की घटनाओं से संबंधित सूचनाओं को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने हेल्पलाइन नंबर और ऑनलाइन पोर्टल स्थापित किए हैं जिनका इस्तेमाल साइबर अपराधों के मामलों की रिपोर्ट करने के लिए किया जा सकता है। लेकिन बदकिस्मती से इस तरह के उपायों के बारे में जागरूकता की कमी है, और अगर हम इस देश के माहौल को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाना चाहते हैं तो जागरूकता बढ़ाना जरूरी है। उन्होंने इस दिशा में कदम बढ़ाने तथा देश के नागरिकों को डिजिटल रूप से जागरूक और सतर्क बनाने के लिए ट्रूकॉलर के #TrueCyberSafe अभियान की सराहना की।
इस मौके पर टाटा स्टील के इन्फ्रा एंड सिक्योरिटी के प्रमुख एम.के. पाल ने कहा कि कोविड -19 महामारी ने साइबर जगत की कमजोरियों को उजागर किया है, और पिछले कुछ सालों के दौरान साइबर अपराध के मामलों में बढ़ोतरी से यह बात स्पष्ट तौर पर दिखाई देती है। नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए कदम उठाना बेहद आवश्यक है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए डिजिटल सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ लोगों को उन तरीकों से अवगत कराना सबसे पहला कदम है, जिससे वे खुद को डिजिटल दुनिया में सुरक्षित रख सकते हैं और पूरी तत्परता के साथ साइबर अपराध के मामलों की रिपोर्ट कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने में #TrueCyberSafe की भूमिका को देखकर मुझे बहुत खुशी हो रही है, और मुझे विश्वास है कि यह राष्ट्रव्यापी अभियान इस लक्ष्य को हासिल करने में काफी मददगार साबित होगा।
इस अभियान तथा इसके आगे की राह के बारे में चर्चा करते हुए ट्रू कॉलर के सार्वजनिक मामलों की निदेशक श्रीमती प्रज्ञा मिश्रा ने कहा कि ट्रूकॉलर में हम डिजिटल संचार के माध्यमों को सभी के लिए सुरक्षित बनाने में दृढ़ता से विश्वास करते हैं, जिसमें पहली बार इंटरनेट का उपयोग करने वाले लोग, महिलाएं तथा वरिष्ठ नागरिक जैसे कमजोर वर्ग विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं। सुरक्षित समुदायों के निर्माण के लिए डिजिटल जगत को सुरक्षित बनाने के साथ-साथ सुरक्षित इंटरनेट अनुभव का विकास करना बेहद महत्वपूर्ण है। डिजिटलीकरण में वृद्धि के साथ-साथ इंटरनेट और स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं की लगातार बढ़ती संख्या की वजह से साइबर खतरों और धोखाधड़ी के खतरे एवं जोखिम में भी काफी बढ़ोतरी हुई है। #TrueCyberSafe कार्यक्रम को साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूकता फैलाने और इंटरनेट के अनुभव को सुरक्षित बनाने हेतु क्षमता निर्माण के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसके अलावा, इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से हमारा लक्ष्य #TrueCyberSafe स्वयंसेवकों की एक टीम बनाना है, जो रोकथाम करने के साथ-साथ मामले पर तुरंत प्रतिक्रिया देकर “ऑनलाइन सुरक्षा” में सहयोग कर सके। उन्होंने कहा कि यह अभियान पहले ही भारत के 3 क्षेत्रों में 5 लाख से अधिक लोगों तक पहुंच चुका है, और आज चौथे क्षेत्र झारखंड में इस अभियान के शुभारंभ के साथ हम पूरे भारत में 15 लाख लोगों से जुड़ने के अपने लक्ष्य के करीब पहुंच जाएंगे।
साइबरपीस फाउंडेशन के वैश्विक अध्यक्ष एवं संस्थापक मेजर विनीत कुमार ने कहा कि साइबर अपराध आज एक बड़ी चिंता का विषय बन चुका है, जिससे सभी लिंगों, आयु समूहों, आय समूहों और भौगोलिक क्षेत्रों के लोग प्रभावित हो रहे हैं। #TrueCyberSafe जैसे अभियान यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि इंटरनेट का अधिक प्रयोग करने वाले लोग (नेटिज़न्स) साइबर खतरों के प्रति जागरूक एवं सतर्क रहें। उन्होंने कहा कि बचाव ही सबसे अच्छा तरीका है।
कार्यक्रम की शुरुआत के बाद #TrueCyberSafe अभियान के तहत साइबरपीस फाउंडेशन की सलाहकार श्रीमती अनिंदिता मिश्रा ने तकनीकी सत्र का आयोजन किया। Cyber Safe (साइबर सुरक्षित) रहने के लिए अपनाए जाने वाले सुरक्षा उपायों के बारे में चर्चा करने के अलावा, इस सत्र के दौरान ऐसे मामलों की रिपोर्टिंग के लिए सरकारी पोर्टल www.cybercrime.gov.in, हेल्पलाइन नंबर – 181, 112 और 1930, तथा साइबरपीस व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर +91 9570000066 सहित रिपोर्टिंग के विभिन्न माध्यमों के बारे में भी बात की गई। इस सत्र में उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए ट्रूकॉलर की विभिन्न सुविधाओं पर चर्चा की तथा सवाल-जवाब के रोचक सत्र के साथ इसका समापन हुआ।