परमाणु उर्जा केन्द्रीय विद्यालय जादूगोड़ा में आरटीई के तहत दाखिला पाकर अध्ययनरत सैकड़ो बच्चों का भविष्य विद्यालय प्रबंधन के एक फरमान से अधर में लटकता नज़र आ रहा है .कारण है की कुछ दिनों पहले ही विद्यालय प्रबंधन ने आरटीई कोटे के तहत आठवीं कक्षा में पढ़ रहे बच्चों को एक शपथ पत्र थमा दिया है जो उनके अभिभावकों को भर कर विद्यालय में जमा करना है और यही पूरे फसाद का कारण बन गया है . एक अभिभावक ने बताया की उनके बच्चे का दाखिला इस विद्यालय में आरटीई कोटे के तहत हुआ था जिसके बाद उनके बच्चे ने पहली कक्षा से लेकर आठंवी तक इसी विद्यालय में पढाई की . अब उसे जो शपथ पत्र दिया गया है उसमे अभिभावक को यह स्वीकार करना है की वो अपने बच्चे का नाम विद्यालय से कटवाने में सहमत हैं . और आगे के दाखिले के लिए विद्यालय द्वारा निर्धारित फीस 23,100/ – रुपयों का भुगतान करेंगे . जो पहले लग रहे फीस जो पूरे साल का करीब पांच हज़ार रुपये तक था, से कई गुना ज्यादा है . क्योंकि शपथ पत्र भर कर देने के बाद उनके बच्चे को स्कूल से बाहर का रास्ता दिखा दिया जायगा और उन्हें फिर से नए तरीके से बढे हुए फीस के साथ स्कूल में दाखिला लेना पड़ेगा . आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग से आने वाले सभी अभिभावक इसी बात पर विद्यालय से नाराज़ है की इतना रुपया वो कहाँ से लायेंगे . और अगर फीस बढ़ाना ही था तो पहले क्यों नहीं बताया गया ?
यह मामला जब पूर्व जिला परिषद् बाघराय मार्डी के पास पहुंचा तो उन्होंने इस बात पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा की यूसिल प्रबंधन ऐसे ही अपने खनन प्रभावित क्षेत्र में कोई सुविधा स्थानीय लोगों को नहीं दे रहा है अब गरीब बच्चों को शिक्षा के अधिकार से भी वंचित कर देना चाहता है . इसे किसी भी हालत में बरदशत नहीं किया जायगा . इसके बाद उन्होंने अभिभावकों के साथ जाकर विद्यालय के प्राचार्य नीरज कुमार ब्ल्हाटिया से मुलाकात की और इस बात पर अपना विरोध दर्ज करवाया . जिसपर प्राचार्य द्वारा उन्हें बताया गया की आरटीई के तहत कक्षा 1 से लेकर कक्षा 8 तक उन बच्चों का दाखिला लेना है जो कुल दाखिले का 25 प्रतिशत हैं . इससे सम्बंधित गजट अधिसूचना वर्ष 2009 में ही केंद्र सरकार द्वारा प्रकाशित कर दी गयी थी . परमाणु उर्जा शिक्षा संस्थान केवल सरकार के आदेश का पालन कर रही है . और यही मौजूदा झारखण्ड सरकार की भी अधिसूचना में प्रकाशित है . ऐसे में जबतक सरकार के स्तर से कोई नया आदेश नहीं आ जाता विद्यालय इस मुद्दे पर कोई भी निर्णय लेने में सक्षम नहीं है . इसपर बाघराय मार्डी ने कहा की वो बच्चों के अभिभावकों की ओर से स्थानीय विद्यालय प्रबंधन समिति के पदाधिकारियों से मिलेंगे और बच्चों की शिक्षा को नियमित करने की बात करेंगे . यदि संभव होगा तो प्रबंधन समिति के माध्यम से इस बात को परमाणु उर्जा शिक्षा संस्थान मुंबई भी भेजवा कर बच्चों के भविष्य के आलोक में उचित निर्णय लेने की बात करेंगे . तब तक किसी भी बच्चे का नाम विद्यालय से नहीं काटा जाये और उनपर शपथ -पत्र पर हस्ताक्षर करने का दबाव भी नहीं बनाया जाये . जिसपर प्राचार्य ने सहमती जताई . इसके बाद बाघराय मार्डी ने कहा की यूसिल भी चाहे तो सीएसआर फण्ड से इन बच्चों को आगे की पढाई की सुविधा उपलब्ध करवा सकती है . मगर यहाँ के अधिकारी इस मुद्दे पर कान में तेल डाल कर सो रहे हैं . जिसे बर्दाश्त नहीं किया जायगा . आगामी बुधवार तक विद्यालय प्रबंधन का रुख देखने के बाद इस मुद्दे पर आगे की रणनीति बना कर लड़ाई लड़ी जायगी . बच्चों को शिक्षा से वंचित नहीं होने दिया जायगा .
इस मौके पर भाटिन पंसस सरस्वती मुर्मू , जलेश्वर वर्मा , दीपक दास , संजय कुमार साह , संजय कालिंदी , पिंटू मंडल ,मोकड़ो लकड़ा , समेत सभी अभिभावक उपस्थित थे .