K. Durga Rao
चांडिल: भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। यहाँ की संघीय सरकार प्रत्येक पाँच वर्ष के अंतराल पर चुनाव के माध्यम से चुनी जाती है। देश के नागरिक इस चुनावी प्रक्रिया में सीधे तौर पर भाग लेते हैं। बता दे कि भारतीय संविधान के अनुसार देश में नियमित, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव आयोजित करने का अधिकार निर्वाचन आयोग को प्राप्त है।
शनिवार को छठे चरण का मतदान शनिवार की सुबह सात बजे से शुरू हो गया था। ग्यारह बजे से पहले ही तेज चिलचिलाती धूप का असर भी दिखने लगा है। इस चिलचिलाती धूप में भी लोकतंत्र के महापर्व में लोगों का दिलचस्प देखने को मिल रहा है। लोकतंत्र के महापर्व में मतदाताओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। मतदाता समय से पूर्व सुबह से ही लंबी कतार में लगकर अपने बारी का इंतजार करते दिखे। सुबह की 7 बजते ही ईचागढ़ विधनसभा के सभी बूथों पर मतदान प्रक्रिया सुरू हो गई। एक आध बूथों पर तकनीकी खामियों को छोड़कर शांतिपूर्वक मतदान हुआ। । तापमान की बात करें तो सुबह लगभग 37 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा इसके बाउजुद चुनाव के प्रति लोगों का रुझान रांची लोकसभा के अन्य वधानसभा की तुलना में श्रेष्ठ रही, जहां राजधानी रांची जैसे शहरी इलाके में मत का प्रतिशत मात्र 54.90 % रहा, वहीं ईचागढ़ में लोगों ने दिल खोलकर वोट किया है। ईचागढ़ का मत प्रतिशत कुल 75.96 % रहा जो पूरे रांची लोकसभा में सर्वाधिक है।
शनिवार सुबह सात बजे से ही मतदान केंद्रों पर भीड़ देखने को मिलने लगी थी। व्यस्क अथवा विकलांग लोगों के लिए निर्वाचन उस समय पारा लगभग 38 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किया गया था। लोग चाह रहे थे कड़ी धूप से बचकर पहले मतदान कर लिया जाए। इसलिए बड़ी संख्या में लोग सुबह के समय निकले। इस तपती धूप और गर्मी के बाउजूद चाहे विकलांग हो बूढ़े हो या फिर नौजवान जिन्होंने प्रथम बार सशक्त भारत के लिए अपने मत का प्रयोग किया सभी ने अपने बहुमूल्य मत का प्रयोग किया और देश को गति देने के लिए अपनी भागीदारी सुनिश्चित की। लोकतंत्र के इस महापर्व में अपनी नई सरकार चुनने को लेकर मतदाताओं की उत्साह चरम सीमा पर रही। इसी उत्साह और लोकतंत्र के प्रति लोगों का समर्पण चुनावी प्रक्रिया में साफ देखने को मिला। जहां चांडिल प्रखंड अन्तर्गत खोकरोडीह निवासी सुनील मंडल, जिसकी शनिवार के दिन शादी की बारात निकलने वाली था। सुनील अपने शादी के मंडप से रस्मो रिवाजों को कुछ समय के लिए विलंब करते हुए मतदान केंद्र पहुंच कर अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
आपको बता दे कि सुबह 7 बजे से मतदान शुरू हुआ और शाम 5 बजे तक मतदान चला। सुबह से हर बूथों पर यह कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार ईचागढ़ के में सभी रिकार्ड टूटेंगे और गर्मी पर मतदाताओं का उत्साह भारी पड़ेगा।
अगर ईचागढ़ के चुनाव में राजनितिक बात करे तो आपको बता दे कि इस क्षेत्र मे इस बार लड़ाई बहुत ही दिलचस्प है। राजनीतिक परिवार से ताल्लुकात रखने वाली यशस्वनी सहाय इस चुनाव के साथ ही सार्वजनिक जीवन में शामिल हुई हैं। वे पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय की सुपुत्री है। यशस्वनी की चुनावी कमान सुबोधकांत सहाय ही संभाले हुए हैं। कांग्रेस के सामने 10 साल बाद इस सीट पर वापसी की चुनौती है। वहीं छात्र नेता सह निर्दलीय प्रत्याशी देवेन्द्र महतो ने भी अपनी टीम के साथ पूरी ताकत झोंक दिया है भाजपा के सांसद संजय सेठ को रांची लोकसभा से बेदखल करने के लिए। ईधर संजय सेठ के समर्थक व भाजपा कार्यकर्ता अपने प्रत्याशी के वापसी के लिए पूरी तरह आश्वस्त है।