जमशेदपुर : हिमाचल प्रदेश के श्रीखंड महादेव की यात्रा के दौरान अग्रहरि समाज के पवन अग्रहरि के साथ गये हरिओम अग्रहरि के निधन के बाद पवन की परेशानी बढ़ती ही जा रही है। पहले तो स्व. हरिओम की पत्नी ने पवन को इसके लिये जिम्मेवार बताते हुए थाना में प्राथमिकी दर्ज करा दी और अब समाज ने भी उनके खिलाफ कड़ा कदम उठाया है।
स्व. हरिओम के भाई ओंकार अग्रहरि की लिखित शिकायत के उपरांत आज मानगो डिमना चौक स्थित जयपाल कॉलोनी में मायाराम अग्रहरि के आवास में जमशेदपुर अग्रहरि समाज व जमशेदपुर अग्रहरि युवा मंच की संयुक्त बैठक हुई। समाज के पदाधिकारियों ने पवन को 25 जुलाई को लिखित पत्र भेजकर अपना पक्ष रखने का समय तय किया था, जिसमें वे उपस्थित नहीं हुए। बाद समाज के जमशेदपुर अध्यक्ष जय किशन अग्रहरि तथा युवा मंच के शिवरतन अग्रहरि ने पवन अग्रहरि को समाज से आजीवन निष्कासित (बहिष्कार) करने की घोषणा की।
कहा कि आज के बाद से अग्रहरि समाज का उनसे कोई संबंध नहीं रहेगा। यही नहीं, उन्हें आदेश दिया गया कि पवन को अब जमशेदपुर अग्रहरि समाज या अग्रहरि समाज के नाम पर कोई भी सार्वजनिक निजी कार्यक्रम करने का अधिकार नहीं रहेगा। इतना ही नहीं वे किसी भी अग्रहरि परिवार के सार्वजनिक निजी कार्यक्रम में नहीं जा सकते। इसी तरह उनके द्वारा दिया हुआ कोई भी सार्वजनिक निजी कार्यक्रम का आमंत्रण समाज को स्वीकार नहीं होगा। कहा गया कि यह सामाजिक दंड सिर्फ पवन पर लागू होगा।
उनके परिवार को इससे मुक्त रखा गया है। बैठक में समाज के सभी लोगों ने इस मौत का जिम्मेवार पवन को माना। कहा कि स्व. हरिओम की तबीयत बिगड़ने के बावजूद पवन व अन्य उन्हें कैंप में ही छोड़कर शिवलिंग दर्शन करने को चले गये। इस दौरान उनकी तबीयत अत्याधिक खराब हो गई और रेस्क्यू कर नीचे उतारने के दौरान उनका निधन हो गया। इसके बाद भी पवन व अन्य ने उनकी खोज खबर नहीं ली और परिजनों को अंधकार में रखा।