महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2024) का त्योहार इस बार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी (8 मार्च 2024) को मनाया जाएगा। पौराणिक मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव और पार्वती का शुभ विवाह हुआ था। ऐसे में हिंदू धर्मावलंबियों में महाशिवरात्रि का खास महत्व होता है। इस दिन सुहागन महिलाएं तो भगवान शिव और पार्वती की पूजा करती ही हैं, कुंवारी कन्याएं भी शिव-पार्वती को आदर्श मानकर मनचाहे वर की कामना करती है। इस अवसर पर यह भी मान्यता है कि भगवान शिव का दर्शन करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। हमारे देश में कई ऐसे शिव मंदिर (Shiv Temple) हैं, जहां महाशिवरात्रि के दिन श्रद्धालुओं की खासी भीड़ उमड़ती है। हम यहां कुछ मंदिरों के बारे में आपको बता रहे हैं।
महाकालेश्वर मंदिर
मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में महाकालेश्वर (Mahakaleshwar Temple) का मंदिर है। यह मंदिर 1731 से 1809 के बीच बनाया गया था, जब उज्जैन मालवा साम्राज्य की राजधानी थी। यह मंदिर दक्षिणमुखी है, जबकि आम तौर पर भगवान शिव के मंदिर पूर्व या पश्चिम मुख के होते हैं।
काशी विश्वनाथ मंदिर
उत्तर प्रदेश की राजधानी वाराणसी जिसे, हम बनारस या काशी भी कहते हैं, में स्थापित भगवान विश्वनाथ (Kashi Vishwanath) के दर्शन करके श्रद्धालु मोक्ष की प्राप्ति करने आते हैं। यह द्वादश ज्योतिर्लिंग में भी आता है। इस मंदिर की स्थापना 1780 में महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने की थी।
लिंगराज मंदिर
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में स्थापित लिंगराज मंदिर (Lingraj Temple) भगवान शिव की आराधना का प्रमुख स्थान है। इसे दसवीं शताब्दी में बनाया गया था। काले पत्थरों से बना यह मंदिर लगभग 54 मीटर ऊंचा है।
आदि योगी मंदिर
तमिलनाडु के कोयंबटूर शहर में स्थित यह मंदिर भगवान शंकर के एक रूप आदि योगी (Aadi Yogi) का प्रतिरूप है। 112 फीट ऊंची आदि योगी की मूर्ति को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया है, इस मूर्ति की स्थापना 2017 में की गई थी।इन सभी मंदिरों का दर्शन करने देश-विदेश से श्रद्धालु वर्ष भर आते हैं। महाशिवरात्रि के दिन इन मंदिरों में भव्य उत्सव मनाया जाता है।