कांग्रेस के तेज तर्रार प्रवक्ता प्रोफेसर गौरव वल्लभ ने पार्टी छोड़ दी है। लोकसभा चुनाव से ऐन पहले प्रो. वल्लभ के पार्टी छोड़ने से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। इतना ही नहीं गौरव वल्लभ ने कांग्रेस छोड़ने को लेकर कई तर्क दिए हैं और कई कारण भी गिनाए हैं। इनमें से एक है राम का अपमान। उन्होंने कहा कि वे जन्म से हिंदू हैं और राम का अपमान नहीं सह सकते। उनकी बातों से यह साफ है कि कांग्रेस श्रीराम विरोधी है। गौरतलब है कि गौरव वल्लभ जमशेदपुर से भी चुनाव लड़ चुके हैं।
गौरव वल्लभ ने कहा कि वे जन्म से हिंदू और शिक्षक हैं, ऐसे में वे भगवान श्री राम का अपमान नहीं सह सकते। उन्होंने कहा कि पार्टी के कुछ नेता अक्सर सनातन के विरोध में बोलते हैं और उनके बयानों पर पार्टी का चुप रहना, उनकी बातों को मौन समर्थन देने जैसा है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में शामिल न होने के पार्टी के स्टैंड से भी उन्हें काफी तकलीफ हुई थी। उन्होंने कहा कि पार्टी भी अब दिशाहीन हो गई है। ऐसे में हर वक्त सनातन का विरोध और देश के वेल्थ क्रिएटर्स को गाली देते हुए वे नहीं सुन सकते।
कांग्रेस पार्टी आज जिस प्रकार से दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है,उसमें मैं ख़ुद को सहज महसूस नहीं कर पा रहा.मैं ना तो सनातन विरोधी नारे लगा सकता हूं और ना ही सुबह-शाम देश के वेल्थ क्रिएटर्स को गाली दे सकता.इसलिए मैं कांग्रेस पार्टी के सभी पदों व प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा दे रहाहूं pic.twitter.com/Xp9nFO80I6
— Prof. Gourav Vallabh (@GouravVallabh) April 4, 2024
गौरव वल्लभ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को एक पत्र भी लिखा है, जिसमें उन्होंने अपनी तकलीफ को बयान किया है। उन्होंने कहा है कि जब वे कांग्रेस में शामिल हुए थे, उस वक्त की कांग्रेस और वर्तमान कांग्रेस में जमीन आसमान का अंतर आ गया है। पार्टी जमीनी स्तर पर लोगों के साथ कनेक्ट नहीं हो पा रही है। पार्टी में युवाओं की बातों को तरजीह नहीं दी जा रही है।