जमशेदपुरः शहर में बासंती दुर्गा पूजा की अष्टमी को लेकर मंदिर और पंडालों में भक्तों की भीड़ देखने को मिली। वर्ष में दो बार शारदीय नवरात्रि और बासंती नवरात्रि यानी बसंती दुर्गा पूजा मनाया जाता है। पंडित काशीकांत झा का मानना है की बसंती नवरात्रि से ही काल की गणना, नया पंचांग और नव संवत का आरंभ होता है। मां देवी की पूजा आध्यात्मिक शक्ति की प्राप्ति के लिए की जाती है।
मान्यता यह भी है की मां दुर्गा के एक रूप कात्यायनी की पूजा करने के बाद ही श्री राम को रावण पर विजय प्राप्त हुई थी, इसलिए रामनवमी की नवरात्रि में ही बासंती नवरात्रि का भी पूजन होता है। मंगलवार को देर रात्रि मां देवी के आठवें रूप महा गौरी की अष्टमी पूजा 56 भोग के साथ की गई। अष्टमी को लेकर सुबह में ही मंदिरों और पंडालों में भक्तों के द्वारा देवी की पूजा के साथ ही पुष्पांजलि देकर परिवार की सुख शांति की कामना की।