सरायकेला / चंद्रमणि
जहां झारखंड में मैट्रिक परीक्षा के लिए 24 घंटे भी शेष नहीं बचे हैं, वहीं राज्य के सबसे बड़े औद्योगिक जिले के गम्हरिया प्रखंड के शिक्षा पदाधिकारी का यह बयान सरकारी शिक्षा व्यवस्था में हो रहे लूट को स्पष्ट दर्शाता है। राज्य स्तरीय परीक्षा में किस तरह से खर्चों के नाम पर पैसे की लूट मची है इसका छोटा सा नमूना हम आपको दिखा रहे हैं।
गम्हरिया प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में गुरूवार से होने वाले मैट्रिक की परीक्षा को लेकर बैठक आहूत की गई थी। बैठक में गम्हरिया प्रखंड प्रसार शिक्षा पदाधिकारी कानन पात्रा के साथ तमाम विद्यालयों के परीक्षा संचालकों ने हिस्सा लिया। पूरे बैठक के बाद जानकारी देते हुए गम्हरिया प्रखंड प्रसार शिक्षा पदाधिकारी कानन पात्रा ने बताया कि गम्हरिया प्रखंड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में मैट्रिक परीक्षा के एक दिन पहले परीक्षा केंद्रों के केंद्र अधीक्षक और सहायक केंद्र अधीक्षकों के साथ बैठक कर केन्द्रों की व्यवस्था से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में एक केंद्र में चोरी गए कैमरे के डीवीआर को स्कूल ग्रांट के पैसे से लगाने का निर्णय भी बैठक में लिया गया।
इसके बाद जब गम्हरिया प्रखंड प्रसार शिक्षा पदाधिकारी से प्रखंड में मौजूद परीक्षा केंद्रों में कुल कैमरे की संख्या के बारे में पूछा गया तो वे कुछ नहीं बता सके और बगले झांकने लगे। उन्होंने संख्या की जानकारी देने में अपने आप को असमर्थ बताया। यही नहीं जब उनसे कुल परीक्षार्थियों की संख्या की जानकारी मांगी गई तो इससे भी वे पूरी तरह अनभिज्ञ पाए गए। (इस बातचीत की पूरी वीडियो gularya.com के पास है)
जहां एक और चोरी गए डीवीआर की व्यवस्था परीक्षा केंद्रों में एक दिन पहले कराई जा रही है वह भी तब जब परीक्षा शुरू होने में 24 घंटे भी नहीं बचे हैं। ऐसे में अब अचानक आए इस खर्चे को अलग प्रकोष्ठ से निकाला जाएगा। सालाना बजट भी एक महीने के अंदर तैयार हो जाएगा। अब अंदाजा लगाइए किस प्रकार से शिक्षा विभाग में लूट होती है।