Amit Raj
पटनाः जदयू के पूर्व केंद्रीय मंत्री मो. अली अशरफ फातमी ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राजद का दामन थाम लिया है। इन सबके बीच जनता दल (यू) अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अशरफ हुसैन, विधानपार्षद खालिद अनवर, विधानपरिषद के पूर्व सभापति सलीम परवेज, बिहार सरकार के पूर्व मंत्री नौशाद आलम एवं पूर्व विधायक मुजाहिद आलम ने संयुक्त रूप से मो. अली अशरफ फातमी पर जमकर हमला बोला।
उन्होंने आरोप लगाया कि मो. अली अशरफ फातमी ने जनता दल (यू) के साथ विश्वासघात करने का काम किया है और जनता उन्हें आगामी लोकसभा चुनाव में जरूर सबक सिखाने का काम करेगी। वे कसम खाया करते थे कि अंतिम सांस तक जद(यू) में रहेंगे, लेकिन आज पार्टी को धोखा देकर नैतिक मूल्यों की दुहाई दे रहे हैं। कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया, उनके बेटे को चुनाव लड़ने का मौका दिया, फिर भी उन्होंने नीतीश कुमार के साथ छल करने का काम किया।
उपस्थित नेताओं ने कहा कि उनके जाने से हमारी पार्टी और हमारे नेता पर कोई राजनीतिक असर नहीं होगा। नेताओं ने कहा कि लालू प्रसाद यादव और मो. अली अशरफ फातमी में एक बात समान है कि दोनों नेता सिर्फ अपने परिवार की चिंता करते हैं। उन्हें समाज की कोई चिंता नहीं है। वे सौदा करने में माहिर हैं, और हमेशा से यही उनकी राजनीतिक चरित्र रहा है।
संयुक्त बयान देते हुए उन्होंने कहा कि अकलियत समाज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मजबूती से खड़ा है। अल्पसंख्यक समुदाय के उत्थान के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अनेकों कल्याणकारी योजनाओं का निर्माण एवं उनका क्रियान्वयन किया। जिसकी वजह से अकलियत समाज समाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और राजनीतिक रूप से सशक्त हुआ है। दगा देने वालों को जनता लोकसभा चुनाव में माकूल जवाब देगी।
इस प्रेस वार्ता में मो. मेजर हैदर इकबाल, मो. अबिद, मो. अफरोज, मो. अशरफ अंसारी, मो. अब्दुल बांकी आदि मौजूद थे।