जमशेदपुर में नौवीं और 11वीं की परीक्षाफल आते ही ज्यादातर बच्चों के अबिभावकों में आक्रोश फैल गया है। इसका कारण यह है कि दर्जन भर स्कूल के सैकड़ों बच्चे फेल हो गए हैं। बच्चों के फेल होने से ही बवाल खड़ा हो गया है। प्रतिदिन किसी न किसी स्कूल के अभिभावक जिला प्रशासन के पास पहुंचकर बच्चों के भविष्य को लेकर गुहार लगा रहे हैं। इसी क्रम में आज शहर के आधा दर्जन स्कूल के अभिभावक जमशेदपुर अभिभावक संघ के बैनर तले एसडीओ के पास पहुंचे। अभिभावकों ने फेल किए गए बच्चों को कंडीशनल प्रमोट करने व प्री टेस्ट लेने का आदेश देने की मांग की है। बता दें कि पिछले बार अभिभावकों के द्वारा हंगामा किए जाने के बाद एसडीओ की पहल पर केएसएमएस स्कूल प्रबंधन ने रिटेस्ट के माध्यम से बच्चों को प्रमोट करने की बात स्वीकार की है। इन स्कूलों में 10 से 500 बच्चे फेल हुए हैं।
इनमें सबसे ज्यादा केरला समाजम साकची में 500, तारापुर स्कूल एग्रीको में 38, राजेंद्र विद्यालय में 150, नरभेराम हंसराज बिष्टुपुर 50, हिलटॉप स्कूल 100, बेलडीह चर्च 50, डीबीएमएस इंग्लिश स्कूल 63, एडीएलएस में 40 और टैगोर सोसाइटी में 10 बच्चे फेल हुए हैं। इन बच्चों को फेल किए जाने के मामले में जमशेदपुर अभिभावक संघ ने विरोध जताते हुए कहा कि प्रत्येक वर्ष निजी अंग्रेजी स्कूल द्वारा फीस बढ़ोतरी कर मनमानी की जाती है, लेकिन राइट टू एजुकेशन के तहत आठवीं कक्षा तक बच्चों को फेल नहीं करने के नियम के बाद जब 9 वीं से 11वीं कक्षा में बच्चे होते हैं तो उस समय स्कूल प्रबंधन अभिभावकों को यह क्यों नहीं बताता है कि उनके बच्चे कमजोर हैं। जब बच्चे कमजोर हैं तो यह स्कूल की जिम्मेदारी होती है कि उन्हें किस तरह से बेहतर कराया जा सके।
संघ के अध्यक्ष डॉ उमेश कुमार ने कहा कि स्कूलों की इस मनमानी के खिलाफ वे एनसीपीसीआर में शिकायत करते हुए वैसे शिक्षकों पर कार्रवाई करने की मांग करेंगे, जिनके द्वारा प्राइवेट ट्यूशन के लिए दबाव दिया जाता है। कहा कि बच्चों को उच्च शिक्षा किस प्रकार दी जा सके यह भी सुनिश्चित करने की मांग करेंगे। इस मामले में एसडीओ पारुल सिंह ने कहा कि अभिभावकों ने अपनी बातों को रखा है और इस पर जल्द निर्णय लिया जाएगा।