जमशेदपुर : झारखंड में जनजातियों की स्थिति चिंतनीय है। जनजातियों को बरगलाकर भ्रम की स्थिति फैलाकर मिशनरीज द्वारा धर्म परिवर्तन का खेल चलाया जा रहा है। इस कारण झारखंड के बहुत से जिले हिन्दू विहिन होने के कगार पर हैं। यही कारण है कि ईसाई धर्म अपनाने के बावजूद जनजातीय समाज को मिलने वाली सरकारी सुविधाओं का लाभ ये लोग उठा रहा हैं और इस कारण जनजाति समाज के लोगों के अधिकारों का हनन हो रहा है, जो बहुत ही चिंता का विषय है। यह कहना है विश्व हिन्दू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे का। वे आज अपने एक दिवसीय प्रवास पर जमशेदपुर पहुंचे थे। उनके आगमन पर शहर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हुआ।
आज सुबह 11 बजे से जनजाति सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें श्री परांडे ने उपरोक्त दावे किए। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज सदियों से ही सनातन और सरना धर्म को मानने वाले प्रकृति पूजक रहे हैं। उन्हें छल और झूठ के सहारे हिन्दू समाज से अलग करने और लड़वाने का निरंतर प्रयास चल रहा। श्री परांडे ने दावा किया कि मिशनरियों द्वारा झारखंड को इसाई प्रदेश बनाने का षडयंत्र जोर से चल रहा है।
इस सम्मेलन में पूरे सिंहभूम विभाग के चारों जिला सारायकेला, चाईबासा, घाटशिला तथा जमशेदपुर के जनजाति समाज के सैकड़ो लोग शामिल हुए। इसी क्रम में शाम को बजरंग दल त्रिशुल दीक्षा के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम में मुख्य रुप से झारखंड बिहार क्षेत्र संगठन मंत्री केशव राजू, क्षेत्र मंत्री वीरेन्द्र विमल, झारखंड प्रांत संगठन मंत्री देवी सिंह, प्रांत बजरंग दल संयोजक सह सिंहभूम विभाग संगठन मंत्री दीपक ठाकुर सहित अन्य उपस्थित थे।