Mohit KUmar
दुमका में 1 जून को चुनाव होना है। सारी तैयारी पूरी हो चुकी है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के पुराने कार्यकर्ता अब भी दुविधा में हैं। केंद्रीय नेतृत्व द्वारा प्रत्याशी बदल देने को लेकर भी नाराजगी देखने को मिल रहा है। हालांकि पूर्व सांसद सुनील सोरेन के सांसद प्रतिनिधि रहे मुन्ना सिंह से पूछे जाने पर कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि सुनील सोरेन को पार्टी कोई बड़ी जिम्मेवारी देगी, इसलिए प्रत्याशी बदला गया है। कहा कि हम लोग पार्टी के कर्मठ सिपाही हैं और पार्टी नेतृत्व का निर्णय मानना मजबूरी है। हालांकि, प्रत्याशी बदलने के बारे में उन्होंने साफ कुछ भी कहने से इनकार किया।
यह तो हुई ऊपर-ऊपर की बात, लेकिन एक बात तो तय है कि भाजपा ने झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन को टिकट देकर एक एक तीर से कई निशाने साधे हैं। अगर एक भी निशाना सटीक बैठता है, तो फिर बल्ले-बल्ले तो है ही। इसमें सबसे अहम है यहां से पार्टी प्रत्याशी की जीत। दुमका में भाजपा प्रत्याशी सीता सोरेन और इंडी गठबंधन प्रत्याशी के बीच कांटे का मुकाबला है। पार्टी प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने के लिए पीएम मोदी भी यहां पहुंचकर पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में माहौल बना चुके हैं। वहीं इंडी गठबंधन भी लोगों को अपनी ओर करने के लिए तरह-तरह की बयानबाजी कर रहा है।
अगर सीता सोरेन दुमका लोकसभा चुनाव जीत जाती हैं, तो कई दिग्गजों के रातों की नींद उड़ जाएगी। यही नहीं बीना कुछ किए ही वे उन दिग्गजों के बराबर खड़ी हो जाएंगी। इतना ही नहीं अगर उन्हें मंत्री पद मिल जाता है तो झारखंड में उनका कद काफी बढ़ जाएगी।