Amit Raj
पटनाः बिहार इन दिनों राजनीति का केंद्र बन गया है। सभी बढ़े नेताओं के साथ ही अन्य दिग्गजों का भी वहां जुटान हो रहा है। आगामी लोकसभा चुनाव में कुछ ही महीने बचे हैं और राजनीति काफी तेज हो गई है। सभी राजनीतिक दल और नेता बिहार का दौरा करने में लगे हैं और शक्ति प्रदर्शन का दौर जारी है।
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार का दौरा किया। आरएसएस प्रमुख की बिहार संघ के साथ बैठक करने की बात हो या फिर बिहार के मुख्यमंत्री की योजना और विकास की आधारभूत बातों को लेकर चर्चा शुरू करने बात हो, सब कुछ अपनी गति में चल रहा है।
अब बिहार की विपक्षी पार्टियों ने भी अपना दम दिखा शुरू कर दिया है। इंडिया गठबंधन से जुड़े दलों के नेता भी अपना दम दिखा रहे हैं। एक दिन पहले ही पटना के गांधी मैदान में तेजस्वी यादव की जन विश्वास रैली हुई। इस रैली के जरिए तेजस्वी ने अपनी ताकत दिखाने का प्रयास किया। इसके साथ ही बिहार में राहुल गांधी, सीपीआई के सीताराम येचुरी और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव, मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ झारखंड की स्थानीय पार्टी झमुमो के प्रतिनधियों का बिहार की राजनीति में दखल बहुत कुछ कह रहा है।
अब आरजेडी की बात करें तो तेजस्वी यादव, लालू यादव, मीसा भारती, रोहिणी, मनोज झा सहित अन्य भी अपनी तरफ ले पूरा दम लगा रहे हैं। विपक्षी पार्टियां सत्तासीन पार्टी की खामियों को गिनवाने में लगी हैं। ये वही विपक्षी पार्टियां हैं, जो कुछ समय पहले तक बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री के साथ सत्ता में थी। हालांकि, अब उनके रास्ते अलग हैं और अब दोनों वोटर्स को साधने के प्रयास में लगे हैं।
बिहार में शुरू से ही जाति की राजनीति होती रही है। हाल के दिनों में जातीय जनगणना ने इस बात को और बल दिया है। हालांकि अब ये पार्टियां नए समीकरण पर काम कर रही हैं। उन्होंने नया नारा बाप (BAAP) का दिया है। राजद ने पहले माई (MY) का नारा दिया था, लेकिन अब सबको साधने के लिए बाप का नारा दिया गया है। BAAP मतलब B से बहुजन, A का मतलब अगड़ा, A यानी आधी आबादी और P का मतलब पुअर यानी गरीब की पार्टी है। इस तरह राजद अब माई और बाप दोनों की पार्टी बनने की तैयारी में है। आने वाले समय में यह देखने वाली बात होगी की बिहार की राजनीति किस करवट बैठती है।