K. Durga Rao
खरसावां : विधायक दशरथ गागराई ने कहा कि चाईबासा में आयोजित सभा में आरक्षण को लेकर प्रधानमंत्री द्वारा दिया गया बयान भाजपा की कथनी और करनी में फर्क को दर्शाता है। खरसावां स्थित विधायक कार्यालय में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में विधायक दशरथ गागराई ने कहा कि झारखंड गठन के बाद बाबुलाल मरांडी की सरकार ने ओबीसी आरक्षण को 27 प्रतिशत से घटाकर 14 प्रतिशत कर दिया। अर्जुन मुंडा अपनी कुर्सी जाने के डर से राज्य में आरक्षण व्यवस्था की समीक्षा करने से कतराते रहे। अब इंडिया गठबंधन पर आरक्षण में डाका डालने की बात कह कर अपनी कथनी और करनी को स्वयं उजागार कर रहे हैं।
कहा कि राज्य की हेमंत सरकार ने ओबीसी आरक्षण को 27 प्रतिशत करने संबंधी विधेयक लाकर राज्य के पिछड़ी जातियों को न्याय देने का कार्य किया था, परंतु भाजपा के नेताओं ने ही राजभवन के सहारे इस विधेयक पर रोक लगवा दी। भाजपा का ओबीसी प्रेम केवल भाषणों में दिखता है, वास्तव में भाजपा ओबीसी की हितैषी नहीं है। भाजपा को आदिवासियों के लिए सरना धर्म कोड, खतियान आधारित स्थानीय नीति के विषय बात करने में सांप सूंघ जाता है। इनका आदिवासी प्रेम केवल दिखावा है। संसद भवन एवं राम मंदिर के उद्घाटन में एक आदिवासी राष्ट्रपति को आमंत्रण न कर इन्होंने अपना असल चेहरा पहले ही उजागार कर दिया है। इस दौरान कांग्रेस के खरसावां विस प्रभारी राज बागची भी मौजूद थे।