एक तरफ कोई जिन्दगी और मौत के बीच झूल रहा था तो दूसरी तरफ एम्बुलेंस से मिठाइयों की ढुलाई की जा रही थी l सुनने में अजीब लग सकता है मगर ये हाल है घाटशिला अनुमंडल अस्पताल का जहाँ एम्बुलेंस नहीं मिलने पर टेम्पो में मरीज ने दम तोड़ दिया l व्यवस्था की इससे भयावह तस्वीर और क्या होगी ? जब अस्पताल परिसर में एम्बुलेस से मिठाइयों की ढुलाई की जा रही थी तो उसी समय लाइफ सपोर्ट सिस्टम नहीं मिलने के कारण टेम्पो में तड़प -तड़प कर एक मरीज की मौत हो गयी l
हुआ यूं की घाटशिला के कशीदा के पुराना दुर्गा पूजा मंडप के पास रहनेवाली 62 वर्षीया महिला पुर्णिमा सिंह की अचानक से तबियत बिगड़ने पर परिजन उसे इलाज के लिए घाटशिला अनुमंडल अस्पताल लेकर आये l यहाँ डयूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ० देवंती देवगम ने मरीज का प्राथमिक उपचार किया मगर जब उसकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो उसे बेहतर चिकित्सा के लिए जमशेदपुर रेफर कर दिया गया l इस दौरान उसे ऑक्सीजन लगाया गया था l मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए परिजनों ने उसे जमशेदपुर की बजाये स्थानीय नर्सिंग होम में ले जाना ही बेहतर समझा और अस्पताल प्रबंधन से एम्बुलेंस की मांग की ताकि मरीज को लाइफ सपोर्ट सिस्टम की सुविधा दी जा सके l मगर अस्पताल कर्मियों ने यह कहकर एम्बुलेंस देने से इनकार कर दिया की निजी चिकित्सा के लिए नर्सिंग होम ले जाने के लिए अस्पताल एम्बुलेंस नहीं देता है l इसके बाद परिजनों ने एक टेम्पो बुलाया और उसी में मरीज को ले जाने लगे जिसके बाद अस्पताल कर्मियों ने ऑक्सीजन मास्क और सिलेंडर हटा दिया जिसके बाद सांस रुकने से मरीज की मौत हो गयी l मृतका की पुत्रवधू पूर्णिमा सिंह ने बताया की यदि ऑक्सीजन लगा रहता तो मरीज की जान बच सकती थी l
इधर इस घटना पर अनुमंडल अस्पताल के चिकित्सा प्रभारी डॉ शंकर टुडू ने स्वीकार किया कि पूर्णिमा सिंह को अस्पताल लाये जाने के बाद इलाज के क्रम में ऑक्सीजन लाइफ सपोर्ट लगे रहने की स्थिति में उनका ऑक्सीजन लेबल 90 से ज्यादा था। उनकी स्थिति को देखते हुए उन्हें परिजन उपचार के लिए एमजीएम ले जाते तो एंबुलेंस के साथ उन्हें भेजा जा सकता था। लेकिन वे लोग उसे निजी अस्पताल ले जाना चाहते थे। परिजनों द्वारा ऑक्सीजन सपोर्ट लगाये रखने की मांग नहीं की गयी होगी इसलिए उसे खोल दिया गया होगा l वैसे चिकित्सा प्रभारी का यह जवाब काफी हैरान कर देने वाला है l क्योंकि चिकित्साकर्मियों को यह मालूम होना चाहिए की एक मरीज के लिए क्या ज्यादा आवश्यक है l
इधर मरीज की जान जा रही थी वहां अस्पताल परिसर में आयोजित किसी कार्यक्रम के लिए लाये गए मिठाई के पैकेट एम्बुलेंस से बड़ी आराम से उतारे जा रहे थे l यह एम्बुलेंस जमशेदपुर के सांसद विद्युत् वरन महतो ने अस्पताल को मरीजो की जान बचाने के लिए अपनी सांसद निधि से दिया था l