न्यूज डेस्क
कर्नाटक में इन दिनों हिजाब (Hijab) पहनने का मामला काफी गर्म है। इतना ही नहीं धीरे-धीरे यह मामला दूसरे राज्यों तक भी पहुंच रहा है। वैसे कर्नाटक का मामला वहां के कानून से जुड़ा है। वहां के एक कॉलेज में ड्रेस कोड की बजाय हिजाब पहनकर आने का विरोध शुरू हुआ और मामले ने तूल पकड़ा लिया। अब यह मामला कोर्ट में है और कोर्ट के आदेश पर ही आगे का रास्ता तय हो सकेगा। हालांकि दुनिया के विभिन्न देशों में हिजाब को लेकर कई कानून बने हैं। कई देशों ने नियमों का हवाला देते हए तो हिजाब पहनने या चेहरा ढंकने पर पाबंदी लगा रखी है।
जहां तक नियमों या समानता की बात है तो शिक्षा के मंदिर में सभी को समान रुप से ड्रेस कोड का पालन तो करना ही चाहिए। वैसे यहां हम बात करेंगे उन देशों कि जिन्होंने हिजाब (Hijab) या बुर्का (Burkha) को लेकर नियम बनाए हैं।
फ्रांस
फ्रांस यूरोप का पहला देश है जहां वर्ष 2004 में स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाया गया। इसके बाद 2010-11 में सार्वजनिक स्थानों पर चेहरा ढंकने या यूं कहें बुर्का और नकाब पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया। इतना ही नहीं फ्रांस में हिजाब पहनने या चेहरा ढंकने पर 13 हजार रुपए का जुर्माना तो किसी महिला के हिजाब पहनने या चेहरा ढंकने के लिए बाध्य करने पर 26 लाख रुपे तक के जुर्माने का प्रावधान है।
स्विट्जरलैंड
स्विट्जरलैंड में वर्ष 2021 में बुर्का पर बैन लगा दिया था। हालांकि इस फैसले का विरोध भी हुआ, लेकिन बाद में पब्लिक से राय ली गई और 50 परसेंट से ज्यादा लोगों ने बैन के पक्ष में अपना फैसला दिया था।
रूस
रूस में वर्ष 2012 में स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाया गया था। हालांकि मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया और कोर्ट ने भी सरकार के फैसले को सही ठहराते हुए हिजाब पर बैन लगा दिया।
चीन
चीन में सार्वजनिक स्थानों में हिजाब या नकाब पहनने की अनुमति नहीं है। यहां स्कूलों में भी हिजाब पर प्रतिबंध है साथ ही किसी भी धार्मिक पहनावे के साथ सरकारी कार्यालयों में भी प्रवेश पर रोक है।
श्रीलंका
श्रीलंका की कैबिनेट ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर वर्ष 2021 में बुर्का पर बैन का प्रस्ताव पारित किया।
बेल्जियम
बेल्जियम में काफी संख्या में मुस्लिम कम्युनिटी के लोग रहते हैं और यहां सरकार ने जुलाई, 2011 में चेहरा ढंकने पर पाबंदी लगा दी थी। नियम न मामनने पर 7 दिनों का सजा का भी प्रावधान है।
ऑस्ट्रिया
ऑस्ट्रिया में अक्टूबर 2017 से बुर्का और नकाब सहित अन्य धार्मिक परिधानों पर प्रतिबंध है। मुंह ढंकने पर पर पुलिस को कार्रवाई करने की छूट है। नियम न मानने पर 12 हजार रुपए तक के जुर्माने का भी प्रावधान है।
बुलगेरिया
सुरक्षा के मद्देनजर वर्ष 2016 में बुलगेरिया की संसद ने चेहरा ढंकने वाले कपड़ों पर बैन लगाया। ऐसा ना करने वाले लोगों पर जुर्माने का भी प्रावधान है।
डेनमार्क
डेनमार्क में वर्ष 2018 से सार्वजनिक स्थलों पर चेहरा ढंकने पर बैन है। डेनमार्क की संसद ने यह कानून पारित किया। यहां पुलिस के भी मामले में कार्रवाई का अधिकार है। पहली बार ऐसा करते पाए जाने पर 12 हजार रुपए और दूसरी बार ऐसा करने पर 85 हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान है।
नीदरलैंड
नीदरलैंड में 2016 से ही कुछ जगहों पर बुर्का और नकाब प्रतिबंधित है। नियम के मुताबिक स्कूल, एयरपोर्ट और अस्पताल जैसी जगहों पर कोई अपना चेहरा नहीं ढंक सकता।
कैमरुन
कैमरुन में वर्ष 2015 से ही बुर्का पर प्रतिबंध है। ऐसा इसलिए, क्योंकि वहां दो महिलाओं ने बुर्का पहनकर आत्मघाती हमला किया था।
इटली
इटली के लोम्बार्डी में महिलाओं के बुर्का पहनने पर पाबंदी है।
मुस्लिम बहुल देशों में क्या है नियम
सऊदी अरब
मुस्लिम बहुल देश सऊदी अरब में महिलाओं के लिए हिजाब, नकाब, बुर्का के साथ अबाया पहनना जरूरी है। जहां कोई गैर-मर्द मौजूद हो वहां भी महिलाओं के लिए ऐसा करना जरूरी है।
ईरान
वर्ष 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद से ईरान में हिजाब को जरूरी कर दिया गया।
पाकिस्तान
पाकिस्तान भले ही एक मुस्लिम बहुल देश है, लेकिन वहां हिजाब और बुर्का को लेकर कोई सख्त कानून नहीं है। यह सब कुछ महिलाओं की मर्जी पर है।
इंडोनेशिया
इंडोनेशिया भी एक मुस्लिम बहुल देश है, लेकिन यहां महिलाओं को यह तय करने का अधिकार है कि वे हिजाब या नकाब पहनना चाहती हैं या नहीं।