नई दिल्ली में नया संसद भवन बनकर तैयार है। 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करने वाले हैं। इन सबके बीच कांग्रेस समेत उसके सहयोगी कुछ विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधा है। वे संसद भवन के उद्घाटन को भी राजनीतिक मुद्दा बनाने में लगे हैं। उनका कहना है कि संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति को करना चाहिए। हद तो तब हो गई जब संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से करवाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका तक दाखिल कर दी गई। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका को खारिज कर दिया कि यह सुनवाई योग्य नहीं है। लगे हाथ कोर्ट ने यह सवाल भी पूछ डाला कि इस याचिका से किसका हित होगा, इस पर याचिकाकर्ता सटीक जवाब नहीं दे सके।
इन सबके बीच इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन बरेलवी का बयान सामने आया है। उन्होंने दो टूक कहा है कि कुछ लोग अपने राजनीतिक नफा नुकसान को साधने के लिए समारोह का बहिष्कार कर रहे हैं। ऐसे लोगों पर निशाना साधते हुए मौलाना शहाबुद्दीन ने पूछा है कि भारत के नए संसद भवन का उद्घाटन अगर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नहीं करेंगे तो फिर क्या पाकिस्तान के प्रधानमंत्री करेंगे। इतना ही नहीं मौलाना ने मुस्लिम सांसदों को किसी के बहकावे में न आने और समारोह में शिरकत करने को कहा है। उन्होंने साफ कहा कि वे असदुद्दीन ओवैसी के बहकावे में न आएं। गौरतलब है कि एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने भी पीएम मोदी द्वारा संसद भवन के उद्घाटन पर आपत्ति जताई है।
हालांकि, इन सबके बीच एक महत्वपूर्ण बात यह है कि धीरे-धीरे विरोधियों का कुनबा छोटा होता जा रहा है। एक तरफ जहां कांग्रेस समेत 21 दलों ने उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का ऐलान किया है वहीं 25 दलों ने उद्घाटन समारोह में शामिल होने की बात कही है।
उद्घाटन समारोह में ये दल होंगे शामिल
उद्घाटन समारोह में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के राजनीतिक दल शिवसेना (शिंदे), मेघालय की नेशनल पीपुल्स पार्टी, नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा जन-नायक पार्टी, अन्नाद्रमुक, आईएमकेएमके, आजसू पार्टी, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI), मिजो नेशनल फ्रंट, तमिल मनीला कांग्रेस, आईटीएफटी (त्रिपुरा), बोडो पीपुल्स पार्टी, पट्टाली मक्कल कच्ची, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, अपना दल और असम गण परिषद शामिल होंगे।
इसके अलावा गैर-एनडीए दलों में लोक जनशक्ति पार्टी (पासवान), बीजू जनता दल (बीजद), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा), युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (YSRCP), अकाली दल और जनता दल सेक्यूलर (JDS) शामिल हैं।