गिरिडीह : 2012 में गिरिडीह जिलान्तर्गत धनवार प्रखंड में हुए इंदिरा आवास घोटाले में तब के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी रहे मोहन लाल मरांडी पर अब इस घोटाले में कारवाई तय मानी जा रही है. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने इस बाबत गिरिडीह जिला अन्तर्गत धनवार थाना कांड संख्या-190/2012 दिनांक 21 जुलाई, 2012 के अभियुक्त मोहन लाल मरांडी, तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी धनवार प्रखंड के विरुद्ध भारतीय दंड विधान, 1860 की धारा 406/409/420/467/468/471/120 बी के तहत अभियोजन की स्वीकृति दी है.
मुख्यमंत्री ने इस मामले की समीक्षा में पाया की अब तक जांच प्रतिवेदन एवं कांड में अब तक के अनुसंधान में सभी अभियुक्तों द्वारा षड़यंत्र के तहत इंदिरा आवास से संबंधित कई गंभीर त्रुटियां एवं विभागीय दिशा-निर्देशों की अवहेलना पाई गई. प्रखंड कार्यालय में में ही एक सुगठित गिरोह पूरी तरह से सुनियोजित ढंग से काम कर रहा था वे लोग गरीबों को इंदिरा आवास के लिए आवंटित राशि का षड्यंत्र रचकर गबन कर ले रहे थे . इस क्रम में उन्हें प्रखंड कर्मियों का भी पूरा साथ मिला और जान बूझकर विभागीय दिशा-निर्देशों एवं नियमो की अवहेलना की गयी ताकि गरीबों को मिलनेवाली सरकारी राशि का आराम से गबन किया जा सके। इसके लिए अकाउंट में भुगतेय चेको के स्थान पर बियरर चेक निर्गत किये गए या बना दिए गए ताकि गरीबो को मिलनेवाली राशि का सीधे -सीधे गबन किया जा सके. और इसके बाद सभी बिचौलियों ने अपने सुविधा के अनुसार रुपयों की निकासी करके उनका गबन कर लिया. नियमो की अनदेखी इस प्रकार की गयी की इंदिरा आवास योजना मार्गदर्शिका में वर्णित नियमो का अनुपालन तक नहीं किया गया. मामले का खुलासा होने पर इस काण्ड की जब जांच हुई तो तत्कालीन प्रखण्ड विकास पदाधिकारी मोहन लाल मरांडी एवं प्रखंड कार्यालय के अन्य कर्मचारियों की संलिप्तता पाई गई। जिसके बाद मामला कई दिनों तक ठन्डे बसते में रहा. मगर अब इस मामले में सभी की गर्दन फंसती नज़र आ रही है.