चाईबासा : वर्ष 2021 -22 में जब पूरा देश कोविड -19 की विभीषिका से जूझ रहा था तो एक जिला ऐसा भी था जो इस कठिन दौर में विकास की संभावनाएं तलाश रहा था l पश्चिमी सिंहभूम चाईबासा में जिले के युवा और उर्जावान उपायुक्त अनन्य मित्तल ने इस कठिन परिस्थिति को भी चुनौती के रूप में लिया और अपने कुशल मार्गदर्शन में पूरे जिले में चिकित्सा , स्वास्थ्य , कल्याण , शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभागों में विकास की नयी इबारत लिख डाली l
कोविड -19 से मुकाबले के लिए 6 नए ऑक्सीजन प्लांटो का अधिष्ठापन
पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत संचालित विकास कार्यों को देखा जाए, तो विगत वर्ष 2021-22 में जब पूरा देश कोविड-19 आपदा से जूझ रहा था, अस्पतालों में ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करना जिला प्रशासन के लिए एक चैलेंजिंग कार्य था। वैसे समय में जिला प्रशासन के द्वारा विभिन्न मद, सामाजिक संगठनों एवं औद्योगिक प्रतिष्ठानों से संपर्क स्थापित कर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर की उपलब्धता तथा आगे चलकर 6 ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट का अधिष्ठापन करवाते हुए जिले को चिकित्सा क्षेत्र हेतु पर्याप्त ऑक्सीजन आपूर्ति व्यवस्था तैयार की गई है।
टीकाकरण और परिवार कल्याण तक आम आदमी की पहुँच को सुगम बनाया
टीकाकरण अभियान के दौरान सुदूर क्षेत्र के लोगों तक वैक्सीन की सहुलियत के तदर्थ एएनएम को ई स्कूटी उपलब्ध करवाया गया। गर्भवती महिलाओं का प्रसव पूर्व बेहतर जांच एवं जटिलताओं को दूर कर कुपोषण मिटाने हेतु सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में एएनसी कॉर्नर की व्यवस्था, दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित स्वास्थ्य केंद्रों पर नियमित टीकाकरण हेतु आवश्यक वैक्सीन एवं अन्य दवाइयों को सुरक्षित रूप से भंडारित रखने के तदर्थ सोलर आधारित 9 नए कोल्ड चेन पॉइंट का अधिष्ठापन सुनिश्चित है। स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार अंतर्गत सदर अस्पताल में एसएनसीयू तथा मॉड्यूलर ऑपरेशन कक्ष का अधिष्ठापन व संचालन भी किया गया है।
आधारभूत संरचनाओं में व्यापक सुधार
जिले में आधारभूत संरचना निर्माण या मौजूद संसाधनों की मरम्मतीकरण कार्यों के तहत 269 विद्यालयों का जीर्णोद्धार 70 विद्यालयों में आवश्यकतानुसार 2/4/6 अतिरिक्त वर्ग कमरों का निर्माण प्रक्रिया जारी है। इसके अलावा जिले के 29 विद्यालयों में नव भवन का निर्माण कार्य को भी गति देने के अतिरिक्त तकरीबन 61 कल्याण छात्रावास का सुदृढ़ीकरण, विभिन्न खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने हेतु जिले में संचालित हिल प्रशिक्षण संस्थानों के भवन छात्रावास आदि के मरम्मति को भी प्राथमिकता के तौर पर संपादित किया गया है। जिले में लंबित तथा नए स्वीकृत आंगनवाड़ी केंद्रों का निर्माण कार्य जारी है। दूरवर्ती क्षेत्रों में संचालित 13 पुलिस पिकेट एवं सीआरपीएफ कैंप में 25kw क्षमता का ऑफ ग्रिड सोलर पावर प्लांट का निर्माण कर कैंप व आसपास के क्षेत्रों में बिजली उपलब्धता सुनिश्चित की गई, साथ ही वर्तमान समय में सौर ऊर्जा नीति के तहत सोलर ग्राम निर्माण की कार्य योजना प्रारंभ है।
मोबाइल तथा रोड कनेक्टिविटी के माध्यम से प्रखंड मुख्यालय तक जोड़े जा रहे हैं सभी गाँव
जिला अंतर्गत मोबाइल कनेक्टिविटी तथा रोड कनेक्टिविटी को बनाने हेतु भी निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। जिले में तकरीबन 250 मोबाइल टावर अधिष्ठापन से संबंधित प्रक्रियाओं को तेजी से संपादित किया जा रहा है। आने वाले एक-दो महीने में मोबाइल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में व्यापक सुधार देखने को मिलेगा। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों को प्रखंड मुख्यालय अथवा शहरी क्षेत्रों से जोड़ने के लिए सड़क के निर्माण को भी प्राथमिकता दिया गया है। वर्तमान समय में ग्रामीण क्षेत्रों में नई सड़कों का निर्माण तथा पुरानी सड़कों का जीर्णोद्धार करवाते हुए जिले में सड़क मार्ग से आवागमन व्यवस्था को दुरुस्त करने की मुहिम निरंतर जारी है। जिला के आवासीय विद्यालयों में पढ़ाई के साथ-साथ शारीरिक दक्षता एवं खेलकूद गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए जिले के कस्तूरबा गांधी विद्यालय तथा झारखंड आवासीय बालिका विद्यालय में स्थल उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए बैडमिंटन कोर्ट, बास्केटबॉल कोर्ट, ओपन जिम का निर्माण करवाया गया है।
9 कौशल विकास केंद्र तथा 4 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के माध्यम से 11000 युवक-युवतियों को निबंधित कर उपलब्ध करवाया गया रोजगारपरक प्रशिक्षण
जिला अंतर्गत युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा/प्रशिक्षण उपलब्ध करवाने हेतु 9 कौशल विकास केंद्र तथा 4 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान को भी सुदृढ़ किया गया है। इन संस्थानों के माध्यम से अब तक तकरीबन 11000 युवक-युवतियों को निबंधित कर प्रशिक्षण उपलब्ध करवाया गया है। इसके साथ ही जिले के सुदूरवर्ती मनोहरपुर, आनंदपुर गुदड़ी जैसे प्रखंडों में पारंपरिक रूप से किए जा रहे खेती को तकनीक के साथ जोड़कर कोहरे के उत्पादन को रोजगार के तौर पर विकसित किया गया है। साथ ही जिले में नवाचार के तौर पर मल्टी लेयर फार्मिंग विधि के माध्यम से उबर खाबर जमीन में सिंचाई की व्यवस्था को सुनिश्चित करते हुए किसानों के सतत आय के लिए मुर्गी पालन, बकरी पालन, सूकर पालन आदि योजनाओं से लाभान्वित किया गया। जिले में पलायन को रोककर रोजगार सृजन के तहत स्थानीय स्तर पर मत्स्य समिति का गठन कर 6 जलाशयों एवं 2 खदान तालाबों में केज कल्चर के माध्यम से मछली पालन तथा नियमित आमदनी तथा पर्यटन संवर्धन के अंतर्गत मोटर चालित तथा पेडल बोट भी इन समितियों को प्रदान किया गया है। इसके अलावा बायोफ्लॉक तकनीक के माध्यम से भी जिले में मछली पालन को बढ़ावा दिया गया है। जिले में आने वाले पर्यटकों को पर्यटन स्थल पर पहुंचने में सुगमता हो, इसके लिए संकेतक साइनेज का अधिष्ठापन किया गया है। जिले में आम जनों की समस्याओं शिकायतों के निष्पादन तदर्थ पब्लिक हेल्प सेल का क्रियान्वयन किया गया है, ताकि दुर्गम एवं सुदूरवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों को भी अपनी बातों को जिला प्रशासन तक रखने में सहूलियत रहे।