सुमन कुमार/जामताड़ा
आज अंतराष्ट्रीय महिला दिवस (international womens day) है। महिला दिवस पर जामताड़ा जिले में पदस्थापित आज अपने क्षेत्र में पहचान बना चुकी उन महिलाओं से आपको रूबरू करा रहे हैं, जिन्हें गर्व है अपने संघर्ष पर, अपने जूनून व अपनी मेहनत पर। प्रखंड से लेकर जिलास्तर पर ये दायित्व संभाल रही हैं और बखूबी से अपने काम को पूरा कर रही हैं। आइए जानते हैं, महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में मिसाल बनी इन महिलाओं के बारे में….
सविता कुमारी (Savita Kumari)
सबसे पहले बात करते हैं सविता कुमारी की। सविता कुमारी नाला सीडीपीओ के रूप में पदस्थापित हैं। इसके साथ ही उनके पास जामताड़ा सीडीपीओ के अलावा जिला समाज कल्याण पदाधिकारी व जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक का भी अतिरिक्त प्रभार है। विभाग आम आदमी से जुड़ा है। ऐसे में कई चुनौतियां भी हैं। लेकिन वह सभी चुनौतियों के बीच अपने कार्य को बखूबी अंजाम दे रही हैं। ब्लॉक से लेकर जिला तक के कार्यो की स्वयं मॉनिटरिंग करती हैं और लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कभी नरम तो कभी सख्त रुख में दिशानिर्देश भी देते रहती हैं, ताकि ससमय विभागीय कार्यो का निष्पादन किया जा सके और योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों को मिल सके।
सुनीता किस्कू (Sunita Kisku)
सुनीता किस्कू नाला अंचलाधिकारी के पद पर पदस्थापित हैं। वे झारखंड प्रशासनिक सेवा के तृतीय बैच के अधिकारी हैं। अंचल में राजस्व तथा सम्बंधित सारे कार्यो का सहजता से निष्पादन करती हैं। वहीं कोविड की तीसरी लहर के दौरान घूम घुमकर कोविड टीकाकरण कार्य की मॉनिटरिंग भी की थी। इसके साथ ही गांव गांव जाकर लोगों को टीकाकरण के प्रति जागरूक करने का कार्य भी किया था। सुनीता किस्कू बेहद शांत व विनम्र स्वभाव की हैं। यही कारण है कि कार्यालय के सारे कर्मी भी खुशनुमा माहौल में कार्य करते हैं और सभी के समन्वय से कार्यो को अमलीजामा पहनाया जा रहा है।
डॉ. दीपशिखा रमानी (Dr. Deepshikha Ramani)
डॉ. दीपशिखा रमानी वर्तमान में कुंडहित सीएचसी में चिकित्सक के रूप में सेवा दे रही हैं। वर्ष 2020 में कोविड संक्रमण के प्रथम लहर के दौरान संसाधन में कमी तथा विपरीत परिस्थितियों में भी उन्होंने अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन बखूबी किया था। जिस कारण कुंडहित प्रखंड में पहला कोरोना मरीज मिलने के बावजूद कोरोना नियंत्रण में रहा। यही कारण है कि जिला प्रशासन द्वारा भी कोरोना काल मे इनके बेहतर कार्य को देखते हुए कई बार सम्मानित किया गया। कहते हैं एक चिकित्सक अगर मरीज की समस्या अच्छे से सुन ले तो वह मरीज अपने आप आधा स्वस्थ हो जाता है। शांत व्यक्तित्व की डॉ. दीपशिखा के इसी कार्यप्रणाली तथा अस्पताल आने वाले लोगों के साथ विनम्रता के साथ मधुर व्यवहार के साथ पेश आने की क्षेत्र ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण जिले में सराहना होती है।
गोल्डी भगत (Goldi Bhagat)
गोल्डी भगत जामताड़ा महिला थाना प्रभारी के रुप में पदस्थापित हैं। 2018 बैच की सब इंस्पेक्टर गोल्डी भगत करीब एक साल से भी अधिक समय से महिला थाना प्रभारी के रूप में कार्य कर रही हैं। जिले भर से महिला के साथ हिंसा, उत्पीड़न तथा अपराध के मामले आते ही हैं, लेकिन सभी को बेहद अच्छे तरीके से निपटती हैं। फरियाद लेकर पहुंचने वाली महिलाओं के दर्द को गंभीरतापूर्वक सुनकर सुनकर उन्हें न्याय दिलाने की पहल करती है।
वैशाखी सामंत (Vaishakhi Samant)
जामताड़ा की वैशाखी सामंत किसी परिचय की मोहताज नहीं है। वैशाखी कबड्डी की महारत खिलाड़ी हैं। जिन्होंने अपने संघर्ष जुनून और मेहनत के बदौलत जामताड़ा का नाम झारखंड ही नहीं बल्कि राष्ट्र स्तर पर भी रोशन किया है। वैशाखी सामंत जामताड़ा के ही फतेहपुर की रहने वाली हैं। जिन्हें शुरू से ही कबड्डी का जुनून था और वे प्रखंड स्तर, जिला स्तर, राज्य स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक पहचान बना चुकी हैं।