जादूगोड़ा : यूरेनियम कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड जादूगोड़ा के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक चंद्रू कुमार असनानी एक बार फिर चर्चा में हैं. इस बार चर्चा उनके किसी ख़ास उपलब्धि को लेकर नहीं है बल्कि उनके ऊपर जमशेदपुर न्यायालय में दर्ज धोखाधड़ी के मामले को लेकर है जिसमे उन्हें आज जमानत मिली है साथ ही अदालत ने उन्हें अगली दो तिथियों पर सशरीर उपस्थित रहने का आदेश भी दिया है.
प्राप्त समाचारों के अनुसार यूरेनियम कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड जादूगोड़ा द्वारा संचालित यूसिल अस्पताल में दवा वितरण के लिए यूसिल कम्पनी द्वारा इच्छुक पार्टियों से निविदा आमंत्रित की गयी थी. जिसमे निविदा की सभी शर्तों को पूरा करने के उपरांत जुगसलाई के दवा वितरक विकास ड्रग्स डिस्ट्रीब्यूटर को यूसिल अस्पताल में दवा आपूर्ति करने का आर्डर मिला. जिसके बाद अस्पताल में दवाओं की आपूर्ति की गयी. मगर जब आपूर्तिकर्ता ने अपना बिल कम्पनी को प्रस्तुत किया तो उसके बिल को लटकाया गया और उसे उसमे से आठ लाख रुपयों का भुगतान नहीं किया गया. जिसके लिए उसने कम्पनी के अधिकारीयों के पास कई चक्कर लगाये.
इसके बाद जब दवा आपूर्तिकर्ता विकास ड्रग्स के मालिक विकास अग्रवाल को अपना रूपया कम्पनी से पाने का कोई रास्ता नहीं दिखा तो उसने न्यायालय की शरण ली और मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी जमशेदपुर की अदालत में यूरेनियम कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड जादूगोड़ा के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक चंद्रू कुमार असनानी, उप -महाप्रबंधक बी के चक्रवर्ती , तथा नियंत्रक प्रवीण कुमार पॉल पर दिनांक – 26 /04/2022 को भादवि की धारा – 420,406,120बी , 34 के तहत शिकायतवाद नंबर -1725/2022 दाखिल करवाया. जिसमे दो आरोपियों को पूर्व में ही जमानत मिल गयी थी. सीएमडी चंद्रू कुमार असनानी इस मामले में अग्रिम जमानत पाने के लिए झारखण्ड उच्च न्यायालय गए थे जहाँ से उन्हें वापस निचली अदालत जाने का निर्देश मिला. जिसके बाद वो अदालत में हाज़िर हुए उन्हें जमानत मिली.
वैसे यूसिल जादूगोड़ा पहले से ही यहाँ लगातार हो रहे घोटालों को लेकर चर्चा में है. अब इस केस ने कम्पनी को फिर से चर्चा में ला दिया है. ये पहला मामला है जब इस कम्पनी के सीएमडी को किसी मामले में अदालत का चक्कर लगाना पड़ रहा है.