जादूगोड़ा : यूरेनियम कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड जादूगोड़ा के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक चंद्रू कुमार असनानी, उप -महाप्रबंधक बी के चक्रवर्ती , तथा नियंत्रक प्रवीण कुमार पॉल के विरुद्ध जमशेदपुर के दवा आपूर्तिकर्ता विकास ड्रग्स डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी जमशेदपुर की अदालत में भादवि की धारा – 420,406,120 बी, 34 के तहत दायर शिकायतवाद नंबर -1725/2022 दिनांक – 26 /04/2022 को झारखण्ड उच्च न्यायालय ने सुनवाई के बाद ख़ारिज कर दिया है. इससे अदालत का चक्कर लगा रहे सीएमडी को बड़ी राहत मिली है.
ये था मामला : – यूरेनियम कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड जादूगोड़ा द्वारा संचालित यूसिल अस्पताल में दवा वितरण के लिए यूसिल कम्पनी द्वारा इच्छुक पार्टियों से निविदा आमंत्रित की गयी थी. जिसमे निविदा की सभी शर्तों को पूरा करने के उपरांत जुगसलाई के दवा वितरक विकास ड्रग्स डिस्ट्रीब्यूटर को यूसिल अस्पताल में दवा आपूर्ति करने का आर्डर मिला. जिसके बाद अस्पताल में दवाओं की आपूर्ति की गयी. मगर जब आपूर्तिकर्ता ने अपना बिल कम्पनी को प्रस्तुत किया तो उसके बिल को लटकाया गया और उसे उसमे से आठ लाख रुपयों का भुगतान नहीं किया गया. जिसके लिए उसने कम्पनी के अधिकारीयों के पास कई चक्कर लगाये. इसके बाद जब दवा आपूर्तिकर्ता विकास ड्रग्स के मालिक विकास अग्रवाल को अपना रूपया कम्पनी से पाने का कोई रास्ता नहीं दिखा तो उसने न्यायालय की शरण ली और मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी जमशेदपुर की अदालत में यूरेनियम कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड जादूगोड़ा के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक चंद्रू कुमार असनानी, उप -महाप्रबंधक बी के चक्रवर्ती , तथा नियंत्रक प्रवीण कुमार पॉल पर दिनांक – 26 /04/2022 को भादवि की धारा – 420,406,120बी , 34 के तहत शिकायतवाद नंबर -1725/2022 दाखिल करवाया. इस मामले में न्यायालय ने दिनांक 23 / 05 / 2023 को संज्ञान लिया. जिसके बाद 5 अगस्त को सीएमडी चंद्रू कुमार असनानी को अदालत में हाजिरी लगा कर जमानत लेनी पड़ी थी.
इसके बाद यूसिल सीएमडी अपने खिलाफ दायर अपराधिक मामले को निरस्त करवाने के लिए झारखण्ड उच्च न्यायालय की शरण में गए जहाँ कम्पनी की ओर से इस मामले को निरस्त करवाने के लिए तीन अलग -अलग याचिकाएं दायर की गयी थी . जिनमे से निचली अदालत की कारवाई के विरुद्ध दायर एक याचिका Cr.M.P. No. 2252 of 2023 पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अनिल कुमार चौधरी की अदालत ने 21/11/2023 को इस मामले में शामिल सीएमडी को बड़ी राहत देते हुए निचली अदालत में उनके विरुद्ध चल रहे सम्पूर्ण अपराधिक कारवाई को रद्द कर दिया है.