देव स्नान पूर्णिमा के अवसर पर शिव शक्ति संघ द्वारा यूसिल शिव मंदिर जादूगोड़ा परिसर में भगवान् जगन्नाथ का स्नान जात्रा अनुष्ठान का भव्य आयोजन किया गया. इस अवसर पर मंदिर से चार किलोमीटर दूर स्थित ईटा भट्टा घाट से करीब 200 महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली और इसी जल से महाप्रभु को पुजारियों ने सहस्त्रधारा स्नान संपन्न करवाया. इस दौरान पूरा मंदिर जय जगन्नाथ के जयकारों से गूंजता रहा.
अनुष्ठान से सम्बन्धित सभी कार्यक्रम मंदिर के मुख्य पुरोहित ददन पाण्डेय के निर्देशन में संपन्न करवाया गया. सबसे पहले सभी महिलाएं मंदिर प्रांगण में एकत्रित हुई जिसमे बच्चे भी शामिल थे. इसके बाद सभी लोग ईटा भट्टा घाट पहुंचे और वहां से जल कलश भर कर अपने सर पर उठा कर वापस शिव मंदिर पहुंचे और प्रभु को महास्नान करवाया गया. देव स्नान पूर्णिमा को ‘स्नान यात्रा’ या सहस्त्रधारा स्नान के रूप में जाना जाता है। जगन्नाथ रथ यात्रा से पूर्व ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि को भगवान् जगन्नाथ की स्नान यात्रा निकली जाती है। इस अनुष्ठान के बाद अब मंदिर के पट 14 दिनों के लिए बंद हो जाएंगे. ऐसी मान्यता है की काफी स्नान कर लेने के बाद भगवान अब अस्वस्थ हो गए हैं. इसलिए अब से उन्हें प्रतिदिन भोग में काढा और औषधियां ही अर्पित की जायंगी. 14वें दिन भगवान् पूर्ण रूप से स्वस्थ होकर. रथ पर सवार होकर भक्तों को दर्शन देंगे. इस मौके पर शिव शक्ति संघ के सभी सदस्य उपस्थित रहे.