पूर्वी सिंहभूम जिले के पोटका थानान्तर्गत हल्दीपोखर में शुक्रवार को रामनवमी झंडा विसर्जन जुलूस के दौरान जमकर बवाल हुआ. प्राप्त समाचारों के अनुसार विजय बजरंग अखाड़ा कमिटी का जुलूस जैसे ही हल्दीपोखर चौक पर पहुंचा. उसी समय एक समुदाय विशेष की ओर से पत्थरबाजी शुरु कर दी गई. इस दौरान उत्पन्न हुए भगदड़ में अखाड़ा का झंडा टूट गया. जिसके बाद अखाड़ा कमिटी के लोग आक्रोशित हो गए तथा दोनों ओर से विवाद तेजी से बढ़ गया. इस पत्थरबाजी में हल्दीपोखर की मुखिया देवी कुमारी भूमिज, पोटका के अंचलाधिकारी इम्तियाज अहमद, सहित चार-पांच पुलिसवाले भी चोटिल हो गए. इस घटना ने आग में घी डालने का काम किया जिसके बाद गुस्साए लोगों ने जोरदार नारेबाजी शुरु कर दी. मगर प्रशासन ने सूझ- बूझ से काम लिया और बीच बचाव कर अखाड़ा जुलूस का रूट डाइवर्ट कर उसे दुसरे रास्ते से विसर्जन के लिए कमल तालाब भेजा गया. अभी हल्दिपोखर में तनाव बरकरार है. घटनास्थल पर मुसाबनी के पुलिस उपाधीक्षक चंद्रशेखर आजाद, पोटका एवं कोवाली थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ कैंप कर रहे हैं.
इधर इस घटना के विरोध में विजय बजरंग अखाड़ा कमिटी ने 01 अप्रैल को हल्दीपोखर बाजार बंद की घोषणा की है. कमिटी के लोगों का कहना है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से नियमो का पालन करते हुए विसर्जन जुलूस निकाल रहे थे. इसी दौरान महावीरी झंडा को तोड़ दिया गया. इसका विरोध किए जाने पर पथराव किया गया. कमिटी के लोगों ने प्रशासन से दोषियों को चिन्हित कर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है.