चाकुलिया क्षेत्र में ओलचिकी हूल बैसी के झारखंड बंद का असर सड़कों पर जोरदार दिखा. इस दौरान पुराना बाजार स्थित बिरसा चौक में समर्थकों ने बिरसा चौक को जाम कर दिया. बिरसा चौक में समर्थकों ने नारेबाजी भी की. बाजार की दुकानें बंद रहीं. सड़क पर एक भी यात्री वाहन नजर नहीं आया. सुबह को प्रदर्शनकारियों ने बाइक रैली निकाली. संताली भाषा को प्रथम राजभाषा का दर्जा देने, संताली शिक्षकों की बहाली करने, संताली एकेडमी का गठन करने, संताली भाषा के पुस्तकों को ऑल चिकी लिपि भाषा में विमोचन करने जैसे विभिन्न मुख्य मांगों को लेकर ओलचिकी लिपि हुल बैसी के बैनर तले बंद समर्थक पूरे पारंपरिक परिधान के साथ महिला पुरुष अपनी आवाज को बुलंद करते हुए झारखंड बन्द में अपना समर्थन दे रहे हैं, सुबह से ही महिला पुरुष पारंपरिक परिधान में अपने पारंपरिक हथियारों के साथ सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं जिसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में बंद का व्यापक असर देखा जा रहा है. वहीं प्रखंड के पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे बेंद में बंद समर्थक सड़कों पर उतर आए हैं. बीच सड़क पर बैनर बांध दिया गया है. बंद समर्थक पुरुष और महिलाएं अपने हाथों में झंडा और बैनर लिए पश्चिम बंगाल जाने वाली मुख्य सड़क पर बैठ गए हैं. बंद समर्थक पुरुष और महिलाएं सड़क पर बैठे हैं और अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी कर रहे हैं. सुबह से ही यह सड़क जाम है और वाहनों का परिचालन ठप है. सड़क के दोनों और वाहनों की लंबी लाइन लगी है. यात्री वाहनों के नहीं चलने के कारण यात्री परेशान हैं. इधर बाजार क्षेत्र में बंद समर्थक सड़क पर उतर आए हैं. बंद समर्थक बाजार बंद कराने के लिए भी घूम रहे हैं. सुरक्षा के मद्देनजर जगह-जगह पर पुलिस मुस्तैद है. इस मौके पर लुगाराम बास्के, भरत चंद्र बास्के, श्रीनाथ मुर्मू, हरीपद मुर्मू, बलराम मांडी, मोहन बस्के, हरीपद मांडी, केशव चंद्र हांसदा, निमाय मांडी, रोबिन हांसदा, लखन मांडी आदि उपस्थित थे.
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